अदृश्य कलाकार की कलाकारी, कंकाल तंत्र।

बनाया है जिसने यह संसार सारा |
वही एक सच्चा शाखा है हमारा|

सदा उस विधाता के कर्मों को देखो ,
किया जिसने सारे जगत का पसारा |
बनाया है जिसने यह संसार सारा…!

विधाता ईश्वर की कलाकारी को देखने के लिए ज्यादा दूर जाने की आवश्यकता नहीं है एकांत में कभी बैठ कर अपने शरीर रचना को ध्यान से देखें, परखे.. शरीर में ज्यादा गहराई से अंगों को जांचने समझने की जरूरत नहीं है शरीर के सबसे बाहरी तंत्र तंत्रों में से एक अस्थि तंत्र स्केलेटल सिस्टम को ही समझे।

ईश्वर ने हमारे शरीर को सिविल इमारत की तरह ही बनाया है. हमारा शरीर भी एक स्ट्रक्चर ही है | ऐसा स्ट्रक्चर जो जर्जर भी होता रहता है साथ के साथ ही जिसकी मरम्मत भी चलती रहती है. हर 10 वर्ष में हमारे शरीर का कंकाल तंत्र 206 के लगभग हड्डियां पूरी तरह नवीन हो जाती है. हड्डी बनाने वाली कोशिकाएं बनती रहती है नष्ट होती रहती है 30 की उम्र के बाद प्रत्येक इंसानी शरीर में हड्डियों का घनत्व (मजबूती) उसके बुढ़ापे तक कम होने लगता है.

शरीर की 206 हड्डियों में से 100 से अधिक हड्डियां तो हाथ पैर के निर्माण में ही खर्च हो जाती है. हमारे दोनों हाथ 54 हड्डियों व दोनों पैर 50 से अधिक हड्डियों से मिलकर बने होते हैं। शरीर की प्रत्येक हड्डी जोड़ों के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़ी हुई होती है केवल जुबान की हड्डी ही इसका अपवाद है. जी हां जुबान में भी हड्डी होती है… लोग कहते हैं जुबान या जिव्हा चलाना आसान है इसमें क्या हड्डी होती है? गलत कहते हैं वह लोग जो जुबान में हड्डी नहीं मानते जुबान भी एक घोड़े की नाल के आकार की हड्डी जो गले में थोड़ी के बीच स्थित होती है उसके आधार सहारे से ही चलती है भोजन को निगलती है यह हड्डी शरीर की किसी भी अन्य हड्डी से किसी भी जोड़ से नहीं जुड़ी होती. इसे Hyviodबोला जाता है. 206 हड्डियों में सबसे छोटी हड्डी की बात करें तो कान की हड्डी है Stapes है जो महज 3 एमएम लंबी है. सबसे बड़ी व मजबूत हड्डी की बात करें तो जांग की हड्डी है जिसे Femur बोलते हैं |

शरीर को रोगों से बचाने वाला तंत्र का निर्माण भी हड्डियां करती हैं जिनमें स्टेम सेल्स रेड ब्लड सेल शामिल है… भला आप दुनिया में कहीं ऐसी इमारत दिखा सकते हैं जो अपना मेंटेनेंस तो करती ही है अन्य उपयोगी पदार्थों का भी निर्माण करती हो।

कोई कितना भी बड़ा अस्थि रोग विशेषज्ञ ऑर्थोपेडिक सर्जन हो वह टूटी हड्डियों को नहीं जोड़ता हड्डियां स्वत: ही जुड़ती है… डॉक्टर तो केवल एक्सरे जैसी तकनीक के माध्यम से हड्डियों को नियरेस्ट मार्जन से सटआता है | आपने देखा होगा बगैर परामर्श के कभी-कभी लोग खुद हकीम बन जाते हैं हड्डियां तो जुड़ती हैं लेकिन बेतरतीब।

हम जब शिशु होते हैं तो हमारे शरीर में 300 से अधिक हड्डी होती हैं वयस्क होते होते यह हड्डियां 206 हड्डियों में तब्दील हो जाती हैं| जब तुम मुस्कुराते हो तो 12 से अधिक हड्डियों को काम करना पड़ता है चेहरे की।

ईश्वर ने हड्डियों को मानव शरीर को आकार सुरक्षा देने के लिए बनाया है. बगैर हड्डी के हम कीड़े मकोड़ों कुछ अन्य jellyfish जैसे जंतुओं की तरह मांस लोथड़े केवल होते | छाती की 12 जोड़ी पसलियां जो मुलायम हड्डियां होती हैं संख्या में 24 होती है फेफड़े हृदय लीवर की सुरक्षा करती है. कपाल में भी 2 दर्जन से अधिक हड्डियां होती हैं वह मस्तिष्क को सुरक्षा देती है लेकिन कपाल की हड्डियों में जोड़ होते हुए भी वह कभी मूवमेंट नहीं करते।

हम जब चिता में भस्म होते हैं तो हड्डियां सबसे बाद में भस्मीभूत होती है क्योंकि भगवान ने उन्हें बनाया ही शरीर के अंगों को सुरक्षा देने के लिए जब तक शरीर के अंदरूनी अंग जलकर भस्म नहीं होते अस्थि तंत्र यथावत रहता है।

ईश्वर ने दया दिखाते हुए इस शरीर रूपी इमारत को दाएं बाएं आगे पीछे ऊपर नीचे झुकने मूवमेंट करने की इजाजत दे दी है।

मानव शरीर में लगभग 206 हड्डियां 350 जोड़ 750 से अधिक मांसपेशियां इसी लिए है।

दिन पर दिन योग व्यायाम जोगिंग से इन जोड़ों का मेंटेनेंस करते रहना चाहिए। फिटनेस फ्रैंकी लोग ऐसा करते भी हैं लेकिन कोराना महामारी के चलते घोषित लोक डाउन के कारण शरीर की मूवमेंट बहुत कम हो गई है

बनाया है जिसने यह संसार सारा |
वही एक सच्चा शाखा है हमारा|

सदा उस विधाता के कर्मों को देखो ,
किया जिसने सारे जगत का पसारा |
बनाया है जिसने यह संसार सारा…!

विधाता ईश्वर की कलाकारी को देखने के लिए ज्यादा दूर जाने की आवश्यकता नहीं है एकांत में कभी बैठ कर अपने शरीर रचना को ध्यान से देखें, परखे.. शरीर में ज्यादा गहराई से अंगों को जांचने समझने की जरूरत नहीं है शरीर के सबसे बाहरी तंत्र तंत्रों में से एक अस्थि तंत्र स्केलेटल सिस्टम को ही समझे।

ईश्वर ने हमारे शरीर को सिविल इमारत की तरह ही बनाया है. हमारा शरीर भी एक स्ट्रक्चर ही है | ऐसा स्ट्रक्चर जो जर्जर भी होता रहता है साथ के साथ ही जिसकी मरम्मत भी चलती रहती है. हर 10 वर्ष में हमारे शरीर का कंकाल तंत्र 206 के लगभग हड्डियां पूरी तरह नवीन हो जाती है. हड्डी बनाने वाली कोशिकाएं बनती रहती है नष्ट होती रहती है 30 की उम्र के बाद प्रत्येक इंसानी शरीर में हड्डियों का घनत्व (मजबूती) उसके बुढ़ापे तक कम होने लगता है.

शरीर की 206 हड्डियों में से 100 से अधिक हड्डियां तो हाथ पैर के निर्माण में ही खर्च हो जाती है. हमारे दोनों हाथ 54 हड्डियों व दोनों पैर 50 से अधिक हड्डियों से मिलकर बने होते हैं। शरीर की प्रत्येक हड्डी जोड़ों के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़ी हुई होती है केवल जुबान की हड्डी ही इसका अपवाद है. जी हां जुबान में भी हड्डी होती है लोग कहते हैं जुबान या जिव्हा चलाना आसान है इसमें क्या हड्डी होती है? गलत कहते हैं वह लोग जो जुबान में हड्डी नहीं मानते जुबान भी एक घोड़े की नाल के आकार की हड्डी जो गले में थोड़ी के बीच स्थित होती है उसके आधार सहारे से ही चलती है भोजन को निगलती है यह हड्डी शरीर की किसी भी अन्य हड्डी से किसी भी जोड़ से नहीं जुड़ी होती. इसे Hyviod बोला जाता है. 206 हड्डियों में सबसे छोटी हड्डी की बात करें तो कान की हड्डी है Stapes है जो महज 3 एमएम लंबी है. सबसे बड़ी व मजबूत हड्डी की बात करें तो जांग की हड्डी है जिसे Femur बोलते हैं |

शरीर को रोगों से बचाने वाला तंत्र का निर्माण भी हड्डियां करती हैं जिनमें स्टेम सेल्स रेड ब्लड सेल शामिल है… भला आप दुनिया में कहीं ऐसी इमारत दिखा सकते हैं जो अपना मेंटेनेंस तो करती ही है अन्य उपयोगी पदार्थों का भी निर्माण करती हो।

कोई कितना भी बड़ा अस्थि रोग विशेषज्ञ ऑर्थोपेडिक सर्जन हो वह टूटी हड्डियों को नहीं जोड़ता हड्डियां स्वत: ही जुड़ती है… डॉक्टर तो केवल एक्सरे जैसी तकनीक के माध्यम से हड्डियों को नियरेस्ट मार्जन से सटआता है | आपने देखा होगा बगैर परामर्श के कभी-कभी लोग खुद हकीम बन जाते हैं हड्डियां तो जुड़ती हैं लेकिन बेतरतीब।

हम जब शिशु होते हैं तो हमारे शरीर में 300 से अधिक हड्डी होती हैं वयस्क होते होते यह हड्डियां 206 हड्डियों में तब्दील हो जाती हैं| जब तुम मुस्कुराते हो तो 12 से अधिक हड्डियों को काम करना पड़ता है चेहरे की।

ईश्वर ने हड्डियों को मानव शरीर को आकार सुरक्षा देने के लिए बनाया है. बगैर हड्डी के हम कीड़े मकोड़ों कुछ अन्य jellyfish जैसे जंतुओं की तरह मांस लोथड़े केवल होते | छाती की 12 जोड़ी पसलियां जो मुलायम हड्डियां होती हैं संख्या में 24 होती है फेफड़े हृदय लीवर की सुरक्षा करती है. कपाल में भी 2 दर्जन से अधिक हड्डियां होती हैं वह मस्तिष्क को सुरक्षा देती है लेकिन कपाल की हड्डियों में जोड़ होते हुए भी वह कभी मूवमेंट नहीं करते।

हम जब चिता में भस्म होते हैं तो हड्डियां सबसे बाद में भस्मीभूत होती है क्योंकि भगवान ने उन्हें बनाया ही शरीर के अंगों को सुरक्षा देने के लिए जब तक शरीर के अंदरूनी अंग जलकर भस्म नहीं होते अस्थि तंत्र यथावत रहता है।

ईश्वर ने दया दिखाते हुए इस शरीर रूपी इमारत को दाएं बाएं आगे पीछे ऊपर नीचे झुकने मूवमेंट करने की इजाजत दे दी है।

मानव शरीर में लगभग 206 हड्डियां 350 जोड़ 750 से अधिक मांसपेशियां इसी लिए है।

दिन पर दिन योग व्यायाम जोगिंग से इन जोड़ों का मेंटेनेंस करते रहना चाहिए। फिटनेस फ्रैंकी लोग ऐसा करते भी हैं लेकिन कोराना महामारी के चलते घोषित लोक डाउन के कारण शरीर की मूवमेंट बहुत कम हो गई है, इस कारण जोड़ों में दर्द हड्डी रोग व यूरिक एसिड बेतहाशा बढ़ने के मामले आ रहे हैं इसका समाधान केवल यही है घर पर रहते हुए योग व्यायाम के माध्यम से शरीर को सक्रिय रखें खान-पान आधा कर दें खुश रहिए स्वस्थ रहिए।

इस कारण जोड़ों में दर्द हड्डी रोग व यूरिक एसिड बेतहाशा बढ़ने के मामले आ रहे हैं इसका समाधान केवल यही है घर पर रहते हुए योग व्यायाम के माध्यम से शरीर को सक्रिय रखें खान-पान आधा कर दें खुश रहिए स्वस्थ रहिए।

आर्य सागर खारी

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