ग्रेटर नोएडा।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में प्लेसमेंट पर तैनात कर्मचारी पवन कुमार पर यह आरोप लग रहे थे कि वह ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में पत्र वाहक के पद पर तैनात हुए थे लेकिन बाद में उसका गलत तरीके से मैनेजर के पद पर प्रमोशन कर दिया गया
जिसका खंडन करते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण तरफ से कहा गया है कि विभिन्न न्यूज पोर्टल एवं समाचार चैनलों के माध्यम से दो-तीन दिनों से यह सूचना प्रकाशित की जा रही है कि “पहले चपरासी से मैनेजर बना कर्मचारी, अब आलीशान बंगले के राजा”। इस सम्बन्ध में यह स्पष्ट किया जाता है कि पवन कुमार ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के स्थाई कर्मचारी नहीं है, अपितु ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की जरूरत के हिसाब से मानवशक्ति आपूर्ति के लिए टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से चयनित एजेन्सी के माध्यम से आउटर्सोर्सिंग कर्मचारी के रूप में कार्य कर रहे हैं। पूर्व में मानव शक्ति आपूर्तिदाता एजेन्सियों को दिये गये टेन्डरों के अनुसार पवन कुमार, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में इश्टैबलिशमेंट असिस्टेंट के रूप में कार्य कर रहे थे। वर्तमान चयनित एजेन्सी द्वारा निविदा के अनुसार कर्मियों की रिक्तियों के आधार पर सभी औपचारिकतायें पूरी कर अपने स्तर से ही पवन कुमार को एग्जिक्यूटिव असिस्टेंट के पद पर उनकी योग्यता के अनुसार चयनित कर प्राधिकरण में कार्य करने केे लिए तैनात किया गया है, जो कि मैनेजर- 2 के समकक्ष का पद है। पवन कुमार कभी भी प्राधिकरण में चपरासी या पत्र वाहक के पद पर कार्यरत नहीं रहे हैं। इस प्रकरण में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा कोई नियुक्ति घोटाला नहीं किया गया है। अतः विभिन्न न्यूज पोर्टल एवं समाचार चैनलों के माध्यम से प्रसारित इस खबर का खंडन किया जाता है।

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