विश्व धर्म संसद संबोधित स्वामी विवेकानंद द्वारा शिकागो में आज के दिन।

EDITED BY-(SHIVANI VERMA)

25 साल की आयु में स्वामी विवेकानंद ने गेरुआ वस्त्र धारण कर लिया था। इसके बाद उन्होंने पूरे भारत की यात्रा पैदल ही पूरी की। 31 मई 1893 में स्वामी विवेकानंद ने मुंबई से अपनी विदेश यात्रा शुरू की।इसके बाद उन्होंने जापान की यात्रा की। जापान में पहुँचकर उन्होंने नागासाकी, कोबे, योकोहामा, ओसाका, क्योटो और टोक्यो का दौरा किया। जापान के बाद वह चीन और कनाडा होते हुए अमेरिका के शिकागो शहर में पहुंचे थे।

आज के ही दिन 1893 में शिकागो में विश्व धर्म संसद संबोधित किया गया जिसमे भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे स्वामी विवेकानंद ने जब भाषण की शुरुआत मेरे अमेरिकी भाइयों और बहनों से की तो पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा था। इस भाषण की वजह से दुनिया में भारत की छवि मजबूत हुई। उनके भाषण में कहे शब्द की छवि इतनी मजबूत थी की उन्होंने अपने भाषण से भारत के प्रति दुनिया को अपना नजरिया बदलने के लिए मजबूर कर दिया था। आज के ही दिन 11 सितंबर 1893 में स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में विश्व धर्म संसद के दौरान सबसे दमदार भाषण देकर भारत की पहचान को विश्व में स्थापित किया था क्योंकि इतनी कम आयु में इतना जबरदस्त भाषण देने वाला वहां पर कोई दूसरा नहीं था। उनके भाषण को सुनकर वहां मौजूद सभी लोग बेहद प्रश्न और आश्चर्य रह गये थे। स्वामीजी की कही बातें और उनके कर्म आज भी करोड़ों युवाओं के आदर्श हैं क्यूंकि इससे पहले शून्य को लेकर भी ऐसा भाषण किसी ने नहीं दिया था।

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