राज्य सरकार ने नए शस्त्र लाइसेंस बनवाने पर लगी रोके हटाने का फैसला किया है। निर्धारित प्रारूप में शस्त्र के लिए आवेदन करने वाले भी अब लाइसेंस लेने के हकदार होंगे। साथ ही शस्त्र लाइसेंस धारक एक समय में 100 कारतूस और एक वर्ष में अधिकतम 200 कारतूस खरीद सकता है।
आयुध नियमावली 2016 के अनुसार नए लाइसेंस जारी करने के आदेश सभी जिलाधिकारियों को दिए गए हैं। द्वितीय शस्त्र और तृतीय शस्त्र व रायफल के लिए नए लाइसेंस की व्यवस्था को भी समाप्त कर दिया गया है।
इस फैसले के बाद द्वितीय और तृतीय शस्त्र के लाइसेंस के लिए मंडल स्तर और शासन स्तर पर बनी कमेटी को भी समाप्त कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि कुछ श्रेणी के आवेदकों जैसे अपराध पीड़ित, विरासतन, व्यापारी, उद्यमी, बैंक, संस्थागत, वित्तीय संस्थाएं, प्रवर्तन कार्य में लगे कर्मियों, सैनिक, अर्धसैनिक, पुलिस बल के कर्मी, विधायक, सांसद, राज्य स्तर से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर के निशानेबाजों को वरीयता दी जाएगी। अरविंद कुमार ने बताया कि नई व्यवस्था के तहत लाइसेंस हासिल करने के लिए फायरिंग टेस्ट की भी आवश्यकता नहीं होगी।
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