गौतम बुध नगर : आप कल्पना नहीं कर सकते गौतम नगर बार एसोसिएशन का चुनाव वर्ष दर वर्ष हिंसक खर्चीला होता जा रहा है अधिवक्ता न्याय प्रशासन में एक कोर्ट का अधिकारी माना गया है अधिवक्ता समाज के वंचित पीड़ित शोषित की लड़ाई लड़ता है यह एक नोबल जेंटल प्रोफेशन माना गया है विधिक व्यवसाय अधिवक्ता अधिनियम तथा विधिक आचार में उससे बहुत अपेक्षाएं की गई है|
गौतम बुध नगर में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व सचिव के लिए 40 -40 लाख रुपये खर्च हो रहे हैं शाही दावत महंगी शराब तक परोसी जा रही है… आखिर हम क्या अपेक्षा कर सकते हैं अनपढ़ अशिक्षित जनप्रतिनिधियों की अपेक्षा शिक्षित कानून के रक्षक अधिवक्ताओं से जब वही ऐसे फिजूलखर्ची धनबल का प्रयोग करेंगे हिंसक अनुचित साधनों का इस्तेमाल करेंगे|
शायद ही देश की किसी अन्य जनपद की बार एसोसियन में इतना हिंसक शर्मनाक खर्चीला चुनाव होता है|
अब समय आ गया है इस पर मंथन किया जाए चुनाव प्रक्रिया को सरल पारदर्शी फिजूलखर्ची से कैसे मुक्त बनाया जाए इस चीज पर विचार होना चाहिए लेकिन मैं देख रहा हूं हर वर्ष गौतम बुध नगर चुनाव अधिक खर्चीला जातियों, गुट ,समर्थक बनाम विरोधी जैसी नकारात्मक भावना से प्रभावित तथा नियंत्रित हो रहा है…. वर्ष 2018 के चुनाव में तो अनैतिकता की सारी सीमाएं तोड़ दी है… अध्यक्ष सचिव के पद के दावेदार तीनों ही प्रत्याशियों ने एक करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च की है लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकल कर आया है पूरे चुनाव प्रक्रिया पर ही प्रश्नचिन्ह लग गया है| युवा अधिवक्ता वृद्ध वरिष्ठ अधिवक्ताओं के साथ मारपीट कर रहे हैं एक दूसरे पर हथियार ताने जा रहे हैं यह कुछ ऐसे शर्मनाक सीन है जिसे सभ्य शिक्षित समाज में आप सोच भी नहीं सकते| 1030 वैध मत है लेकिन 1058 मत पड़ गए 3-3 अध्यक्ष व सचिव विजय स्वघोषित हो गए उनके द्वारा समर्थित गुटों द्वारा…..
जब अधिवक्ता वर्ग ही गुंडों माफियाओं की तरह व्यवहार बर्ताव करेगा तो समाज के निकट साधारण व्यक्ति से क्या अपेक्षा की जा सकती है…. अब समय आ गया है नौजवान भारत सभी अधिवक्ताओं को इस पर भी विचार करना चाहिए तथा संगठन की भावना पर बल देते हुए चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी धनबल से मुक्त करना होगा इस मैं ही समाज , राष्ट्र की बेहतरी…. |
आर्य सागर खारी
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