उत्तर प्रदेश : यमुना एक्सप्रेस-वे पर आए दिन होने वाले हादसों को रोकने के लिए पांच प्रमुख उपाय करने तय हो गए हैं। लखनऊ में उत्तर प्रदेश रोड सेफ्टी कमेटी की बैठक में इसकी जानकारी दी गई। एक्सप्रेस-वे का संचालन करने वाली कंपनी का आकलन है कि इस पर करीब 224 करोड़ रुपये खर्च होंगे। उसने शासन से इन पैसों का इंतजाम कराने की अपील की है। यह प्रस्ताव प्रमुख सचिव परिवहन को दे दिया गया है। अब शासन के फैसले के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
ये प्रमुख काम होंगे
- डिवाइडर हटाकर थ्राई पिलर लगेंगे
यमुना एक्सप्रेस-वे पर हादसों के बाद वाहन डिवाइडर से टकराकर दूसरी ओर आ जाते हैं। इससे हादसा और गंभीर हो जाता है। आईआईटी ने डिवाइडर के बदले थ्राई पिलर (तिकोने खंभे) लगाने के लिए कहा है। ये काफी मजबूत होते हैं। इससे टकराकर वाहन दूसरी ओर नहीं जाएंगे। - रंबल स्ट्रिप लगाने की तैयारी
रात के समय अक्सर चालक को झपकी आती है। नतीजतन वह हादसे का शिकार हो जाता है। इसके लिए एक्सप्रेस-वे पर रंबल स्ट्रिप लगाई जाएंगी। तय स्थान पर रंबल स्ट्रिप लगने से चालक को झटके लगेंगे और उसे नींद नहीं आएगी। इससे हादसा होने से बच सकेगा। - बैरियर की ऊंचाई बढ़ाई जाएगी
यमुना एक्सप्रेस-वे के दोनों किनारों पर लगे बैरियर को और ऊंचा किया जाएगा। बैरियर नीचा होने से जानवर आदि के एक्सप्रेस वे पर आने का खतरा रहता है। जानवरों के आने से हादसे की आशंका बढ़ जाती है। इसके चलते ये बैरियर ऊंचे किए जाएंगे। - स्पीड कैमरों की संख्या दोगुनी होगी
यमुना एक्सप्रेस वे पर वाहनों की गति पर नियंत्रण करने के लिए अभी एक्सप्रेस वे 30 स्पीड कैमरे लगे हैं। इन कैमरों की संख्या दोगुनी की जानी है। अब 30 और स्पीड कैमरे लगाए जाने हैं। - निर्धारित स्पीड में वाहन के लिए 12 स्पीड गन होंगे
वाहन चालकों को यमुना एक्सप्रेस वे पर गति पर अंकुश लगाने के लिए स्पीड गन की भी संख्या बढ़ाई जानी है। अब स्पीड गन की संख्या 12 की जानी है। इससे गति सीमा में ही वाहन चलाने में मदद मिलेगी।

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