नॉएडा : श्री मोहन मंदिर योग आश्रम ट्रस्ट द्वारा आयोजित विशेष ऑनलाइन साधना कार्यशाला के आज दूसरे दिन विभिन्न योग विद्वानों द्वारा ऑनलाइन क्लास के माध्यम से समाज में कोरोना महामारी एवं योग आयुर्वेद द्वारा उसके निदान पर विशेष मार्गदर्शन कराते हुए गाजियाबाद से पधारे डॉक्टर आरबी सिंह जी द्वारा आज के समय में स्वस्थ जीवन शैली तथा हमारा भोजन के विषय पर व्याख्यान दिया गया उन्होंने बताया कि शरीर में व्याप्त वात पित्त और कफ की साम्यावस्था ही हमारे जीवन का आधार है उन्होंने कहा कि हमारे शरीर में प्रदोष की अवस्था को सम रखने के लिए दैनिक दिनचर्या के अंतर्गत समस्त दैनिक कार्यों का संपादन उचित समय पालन के द्वारा ही संभव है अतः हमें नियम पूर्वक अपनी दिनचर्या का पालन करना चाहिए शरीर में प्रदोष की विषम अवस्था ही मुख्य रूप से हमारे शरीर को रोगी बनाती है।
कथा 200 की समान अवस्था ही स्वस्थ शरीर की कुंजी है शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आयुर्वेद में वर्णित आहार निद्रा एवं ब्रह्मचर्य पर प्रकाश डालते हुए डॉक्टर साहब ने बताया कि हमें स्वस्थ शरीर एवं इंद्रियों की शिक्षा आवश्यक है ।

इसी परिपेक्ष में दिल्ली लक्ष्मी नगर से पधारे योगी दानवीर सिंह ने भी कोविड-19 से मुक्ति हेतु योग के उपायों पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कोविड-19 नए सारे विश्व को अपने चंगुल में जकड़ लिया है और पिछले चार-पांच महीनों में बड़े-बड़े डॉक्टर वैज्ञानिक कोविड-19 पर अनुसंधान कर रहे हैं किंतु अभी तक कोविड-19 की सही जानकारी संसार के सामने नहीं आ पाई है । और ना ही कोई दवाई बाजार में आ पाई है किंतु इस बीच में जो सबसे ज्यादा पूरे विश्व में चर्चाएं हुई हैं वह रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करने पर हुई हैं और योग एवं प्राकृतिक खान पीन को इस विषय में सबसे सशक्त माध्यम स्वीकार किया गया है।योगी जी ने बताया हम भारतवासी बड़े गौरवशाली हैं की हमारे पास योग आयुर्वेद प्राकृतिक खानपान करोड़ों वर्ष पुराने ग्रंथों में सम्मिलित है यही कारण है भारतवासी योग और उचित खानपान का पालन परंपराओं के हिसाब से करते रहे हैं और उसका परिणाम भारत में देखने को भी मिला है कोविड-19 से संक्रमित मरीज तेजी के साथ ठीक भी हुए हैं क्योंकि भारत के लोगों का इम्यून सिस्टम विदेशियों की तुलना में बहुत अच्छा रहा है और इसका श्रेय योग एवं प्राकृतिक खान पीन को जाता है। योगी जी ने बताया वेदों में योग की विस्तृत चर्चा है यम नियमों की चर्चा है अहिंसा की चर्चा है कोविड-19 जैसे वायरस हिंसा से ही सामने आए हैं चीन में चमगादड़ आदि पक्षियों को मार कर खाना हिंसा ही तो है।इस तरह के संक्रमण से खेलते हैं।भारतीय संस्कृति अहिंसा में विश्वास करती है सत्य में विश्वास करती है परोपकार में विश्वास करती है पवित्रता में शुद्धि में साफ़ स्वच्छता में विश्वास करती है।स्वाध्याय ईश्वर प्रणिधान को महत्व देती है आसन प्राणायाम पर अनुसंधान होते रहते हैं प्रत्याहार धारणा ध्यान और समाधि पर भी निरंतर अनुसंधान होते रहे हैं योगी जी ने बताया भारतवर्ष के लोगों के द्वारा योग का पूरी तरह से पालन किया जाता रहा है।यही कारण है पूरे विश्व में योग तेजी के साथ फैल रहा है सारा संसार एकमत होकर योग को अपना आ रहा है लॉकडाउन के समय में सबसे ज्यादा चर्चाएं योग प्राकृतिक चिकित्सा आयुर्वेद और अच्छे खानपान पर हुई है इन्हीं के माध्यम से इम्यून सिस्टम को रोग प्रतिरोधक क्षमता को कई गुना अधिक बढ़ाकर कोविड-19 जैसे संक्रमण से बचा जा सकता है योगी जी ने समस्त संसार से आव्हान करते हुए कहा आज सारे संसार को योग की तरफ लौटने की आवश्यकता है अच्छे खान पान अपनाकर शाकाहारी जीवन जीने की आवश्यकता है ।
उन्होंने बताया जो लोग भारतीय संस्कृति का भारतीय परंपराओं का अनुसरण करेगा वही शरीर और मन से स्वस्थ रहते हुए आत्मसाक्षात्कार को प्राप्त कर सकता है ध्यान और समाधि को प्राप्त हो सकता है मानव जीवन के अंतिम लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है उसके लिए योग सर्वोत्तम उपाय है।
आगे डॉक्टर राज योगी ने आसन और प्राणायाम के माध्यम से कोविड-19 पर शीघ्र विजय प्राप्त करने के उपायों पर विस्तृत चर्चा की उन्होंने बताया कि कोविड-19 संक्रमण सर्वाधिक हमारे स्वसन तंत्र को प्रभावित करता है अतः हमें श्वसन प्रणाली को सशक्त करने वाली योग की क्रियाओं का नियमित अभ्यास करना चाहिए उन्होंने कहा कि भुजंगासन एवं धनुरासन तथा उष्ट्रासन के माध्यम से हम अपने स्वसन तंत्र को मजबूत बना सकते हैं अतः इन आसनों का हमें नियमित रूप से अभ्यास करना चाहिए प्राणायाम पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने सरल भस्त्रिका प्राणायाम को कोविड-19 से निजात पाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाली प्राणायाम विधि को बताया उन्होंने कहा कि सरल भस्त्रिका प्राणायाम को करते हुए लंबा और गहरा श्वास दोनों लंग्स में भरे और दुगनी समय सीमा में स्वास को बाहर निकालने का प्रयास करें ।इस प्रकार प्राणायाम को नियमित रूप से 5 मिनट के लिए अभ्यास में लाएं।
इस अवसर पर आचार्य राकेश योगी जी ने भी अपने उद्बोधन में मन के विषय में विस्तृत चर्चा की उन्होंने मन के कार्यों के बारे में चर्चा करते हुए सांख्य दर्शन योग दर्शन और शतपथ ब्राह्मण में मन की व्याख्या का वर्णन किया उन्होंने बताया सकारात्मक मन ही स्वस्थ शरीर की पहचान होती है मन में नकारात्मकता आन का आना शरीर करोगी होना बताया इसलिए आचार्य राकेश जी ने बताया स्वस्थ मन स्वस्थ शरीर और आत्म बोध प्राप्त करने में योग सहायक सिद्ध होता है इस प्रकार आचार्य राकेश जी ने मन की विभिन्न भंगिमा के ऊपर चर्चा की एवं मन को एकाग्र करने के उपाय बताएं और कुछ प्रयोगात्मक अभ्यास भी करके दिखाएं उनके साथ योगी अशोक जोकि अहमदाबाद से पधारे हुए हैं उन्होंने आसनों का प्रयोगात्मक अभ्यास करके दिखाया अंत में श्री मोहन योग आश्रम के संस्थापक/अध्यक्ष आदरणीय आचार्य अशोकनन्द जी महाराज ने मंत्र शक्ति पर विशेष व्याख्यान देते हुए मंत्र शक्ति और ध्यान के माध्यम से किस तरह से कोविड-19 पर विजय पाई जा सकती है इस विषय पर विस्तृत चर्चा की बाद में सभी योगी जनों ने एक साथ मिलकर शान्ति पाठ के साथ आज की कार्यशाला का समापन किया।
Discover more from Noida Views
Subscribe to get the latest posts sent to your email.