नॉएडा : लक्ष्मी विलास बैंक से निकासी की सीमा तय होने के बाद बुधवार को इसकी शाखाओं पर ग्राहकों की भीड़ लग गयी. महज 24 घंटे में बैंक से 10 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम निकाली गई है. उधर RBI द्वारा नियुक्त बैंक के प्रशासक ने कहा है कि डीबीएस बैंक में विलय होने पर इसके किसी कर्मचारी की छंटनी नहीं की जाएगी और सभी 4 हजार कर्मचारियों को समायोजित किया जाएगा.
भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को दक्षिण भारत केंद्रित लक्ष्मी विलास बैंक को एक महीने के मोरेटोरियम पर डाल दिया था. यह कहा गया कि अगले एक महीने तक बैंक से कोई भी ग्राहक 25 हजार रुपये से ज्यादा नहीं निकाल पाएगा. इस खबर के आते ही ग्राहकों में चिंता बढ़ गयी और इसके ब्रांचेज के सामने भीड़ लग गयी. निकासी आरबीआई के आदेश के तुरंत बाद से शुरू हो गई थी.
बैंक के एडमिनिस्ट्रेटर टी.एन मनोहरन ने बुधवार को कहा कि बैंक की शाखाओं में भारी दबाव है और लोग पैसे निकाल रहे हैं. अफवाह के कारण ग्राहक पैसे की निकासी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बैंक की शाखाओं से पैसों की निकासी में और तेजी आ सकती है तथा दबाव बढ़ सकता है. इसे देखते हुए बैंक वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, दिव्यांग आदि ग्राहकों के लिए स्पेशल काउंटर बनाने की सोच रहा है.
गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक के DBS बैंक में विलय के आदेश दिये हैं. लेकिन बैंक के रिजर्व बैंक द्वारा नियुक्त प्रशासक टीएन मनोहरन ने कहा कि सभी कर्मचारियों को डीबीएस में समायोजित कर लिया जाएगा और किसी को निकाला नहीं जाएगा. लक्ष्मी विलास बैंक में करीब 4 हजार कर्मचारी हैं.
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