गाजियाबाद। घूस लेकर ठेकेदार को लाभ पहुंचाने व रेलवे को नुकसान पहुंचाने के आरोप में दो रेलवे अधिकारियों समेत ठेकेदार फर्म के सुपरवाइजर, निदेशक व प्रबंधक निदेशक को गिरफ्तार कर सीबीआइ दिल्ली की टीम ने गाजियाबाद स्थित सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश परवेंद्र कुमार शर्मा की अदालत में पेश किया। मंगलवार को पेश किए गए चार आरोपितों के पांच दिन के पुलिस कस्टडी रिमांड को अदालत ने मंजूरी दी, जबकि बुधवार को पेश किए गए आरोपित को जेल भेजने के आदेश दिए। उसके कस्टडी रिमांड की अर्जी पर बृहस्पतिवार को सुनवाई होगी।
पद का दुरुपयोग का आरोप
सीबीआइ के लोक अभियोजक ईश्वर ने बताया कि रेलवे के आगरा मंडल के डीआरएम कार्यालय में मुकेश कुमार डिप्टी चीफ सिग्नल एंड टेलीकाम इंजीननियर कंस्ट्रक्शन के पद पर कार्यरत हैं, जबकि विजय सिंह मथुरा में सीनियर सेक्शन इंजीनियर के पद पर तैनात हैं।
दोनों पर आरोप है कि इन्होंने पद का दुरुपयोग कर ठेकेदार फर्म शिवकृति इंटरनेशनल लिमिटेड को अनैतिक लाभ पहुंचाया। सीबीआइ को पुख्ता सूचना मिली थी कि फर्म के फर्जी बिल व कम काम के एवज में ज्यादा भुगतान के बिल पास करने के लिए विजय सिंह ने उक्त फर्म के सुपरवाइजर ब्रह्मानंद से पांच लाख रुपये रिश्वत मांगी थी।
पांच लाख रुपये की ली रिश्वत
ब्रह्मानंद ने फर्म के निदेशक आदित्य व प्रबंध निदेशक शिव दयाल शर्मा से पांच लाख रुपये लिए और सोमवार को मथुरा में विजय सिंह को देने पहुंचा। तभी सीबीआइ इंस्पेक्टर वीर ज्योति के नेतृत्व में टीम ने रिश्वत लेते व देते हुए दोनों को दबोचा। इनसे मिली जानकारी के बाद सीबीआइ ने ठेकेदार फर्म के निदेशक व प्रबंधक निदेशक को दबोचा और मंगलवार को गाजियाबाद स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत में पेश किया। सीबीआइ की अर्जी पर मंगलवार को अदालत ने चारों के कस्टडी रिमांड मंजूर दी।