गाजियाबाद। इंदिरापुरम के नगर निगम को हैंडओवर की प्रक्रिया नगर निगम सदन ने अंतिम बोर्ड बैठक में रोक दी थी, लेकिन एक बार फिर इसके हैंडओवर की रार छिड़ गई है। 18 मार्च को जीडीए वीसी राकेश कुमार सिंह ने नगर आयुक्त डा. नितिन गौड़ को हैंडओवर करने के लिए पत्र लिखा, जिस पर निवर्तमान पार्षद राजेंद्र त्यागी का कहना है कि यह कोर्ट व सदन की अवमानना और शासनादेश का उल्लंघन होगा। हैंडओवर हुआ तो वह हाई कोर्ट जाएंगे।
जीडीए वीसी ने अपने पत्र में 1983 के शासनादेश का हवाला देते हुए कहा कि यदि किसी भी संस्था की ओर से विकसित कालोनी में नगर निकाय संपत्ति कर वसूल रहा है तो वह निकाय को हस्तांतरित मानी जाएगी। नगर निगम वर्ष 2001 से इंदिरापुरम में संपत्ति कर ले रहा है। इसलिए हैंडओवर की प्रक्रिया को पूरा किया जाए।
यह है मामला
हैंडओवर की प्रक्रिया 2011-12 से चल रही है। जनवरी 2022 में जीडीए और नगर निगम की संयुक्त समिति ने निरीक्षण कर सभी सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए 288.54 करोड़ रुपये का एस्टीमेट बनाया था, जो जीडीए को देने थे। पिछले साल बोर्ड बैठक में भी इंदिरापुरम के हैंडओवर का प्रस्ताव पास हुआ था, जिसमें सेंट्रल वर्ज व पार्क, सफाई और स्ट्रीट लाइट की देखभाल नगर निगम को करनी थी।
हालांकि, इस पर सहमति नहीं बन पाई थी और 23 जनवरी 2023 को अंतिम बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास हुआ था कि निकाय चुनाव के बाद अगले बोर्ड के गठन तक किसी कालोनी का हैंडओवर नहीं होगा। जीडीए वीसी ने भी अपने पत्र में 288.54 करोड़ रुपये का जिक्र नहीं किया।
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