गाजियाबाद: साहिबाबाद में एक गर्भवती महिला की प्रसव के दौरान मौत हो गई। बताया जा रहा है कि वह अकेले ही घर में रहती थी और प्रसव के दौरान बच्चा पूरा नहीं निकल पाया और खून ज्यादा बह गया, जिससे मां-बच्चे दोनों की मौत हो गई।
घटना के कुछ दिन बाद जब कमरे से तेज दुर्गंध आने लगी तब पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने जब कमरे का दरवाजा तोड़ा और अंदर गई तो वहां का हाल देख वह हैरान रह गई।
कमरे में फैले खून में दिखा समाज का संवेदनहीन चेहरा रोशनी से दमकते और चमकते शहर के लोगों का संवेदनहीन चेहरा युवती के कमरे में फैले खून में साफ दिखाई दे रहा था।
चारपाई पर पड़ा था शव
चारपाई पर शव पड़ा था, बिस्तर इधर-उधर बिखरे हुए थे, जो इस बात की गवाही दे रहे थे कि बच्चे और खुद की जिंदगी बचाने के लिए महिला ने किस हद तक संघर्ष किया। जाहिर है कि दर्द से युवती चीखी और चिल्लाई भी होगी, लेकिन अपने में खोए रहने वाले शहर के पड़ोसियों के कान तक यह आवाज नहीं पहुंच सकी।
किसी ने नहीं ली गर्भवती की खबर
यूं भी कहा जा सकता है कि संवेदनहीन हो चुके किसी पड़ोसी ने कमरे तक जाकर यह जानने तक का प्रयास नहीं किया कि आखिर माजरा क्या है। नतीजतन दुनिया में आने से पहले ही एक नन्हीं जान और युवती की मौत हो गई। हालांकि, आसपास के लोगों ने इसके लिए युवती को ही जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना था कि वह ज्यादा किसी से बातचीत नहीं करती थी। उसके गर्भवती होने की बात तो दूर, उन्हें तो ये भी नहीं पता कि वह विवाहित थी फिर अविवाहित थी।