ग्रेटर नोएडा।
सुपरटेक समूह के चेयरमैन आरके अरोड़ा की केंद्रीय जांच एजेंसी की ओर से गिरफ्तारी के बाद अटकी पड़ी 18 परियोजनाओं में फंसे 27 हजार फ्लैट खरीदारों को उनके सपनों का आशियाना मिलने की राह में रोड़ा आ गया है, क्योंकि हाल ही में अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने रास्ता साफ कर दिया था जिसके बाद परियोजनाओं में फ्लैट निर्माण को 1600 करोड़ रुपये ओकट्री फाइनेंशियल से जुटाने की अनुमति समूह को मिली थी। इसमें उन 20 हजार फ्लैट खरीदारों को दो वर्ष में उनका आशियाना देने के दिने का वादा अरोड़ा ने किया था।
बता दें कि 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने जून 2022 के नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करने का फैसला किया है, क्योंकि एनसीएलएटी ने कंपनी ऑफ क्रेडिटर्स (सीओसी) नहीं बनाने और इनसॉल्वेंसी एंड बैंक्रप्सी कोड बोली प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाने के लिए भी कहा था, जिसने सुपरटेक के प्रमोटरों को प्राथमिकता के आधार पर धन जुटाने और परियोजनाओं को पूरा करने की अनुमति दी थी।
चूंकि सुपरटेक ने फंड जुटाने की योजना एनसीएलएटी को सौंपी थी, लेकिन कुछ लेनदारों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में जाने के बाद वह फंड नहीं जुटा सका। नवीनतम आदेश के साथ फिर से एनसीएलएटी से संपर्क करेगा। उन्होंने बताया कि सुपरटेक ने ओकट्री फाइनेंशियल से प्राथमिकता वाली फंडिंग की व्यवस्था की है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का किया था स्वागत
इस प्राथमिकता वाली फंडिंग की मदद से अगले दो साल में अपनी सभी परियोजनाओं को पूरा करेगा और फ्लैट खरीदार, बैंकर्स, लेंडिंग इंस्टीट्यूशंस और प्राधिकरण को अपनी सभी प्रतिबद्धताओं को पूरा करेगा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत कर कहा कि यह सभी हितधारकों घर खरीदारों, प्राधिकरणों, ऋणदाताओं और अन्य वित्तीय लेनदारों के पक्ष में एक ऐतिहासिक निर्णय है, क्योंकि समाधान योजना में कंपनी की सभी देनदारियों का ख्याल रखा गया है।.