ग्रेटर नोएडा। दिव्यांशु ठाकुर
गौतमबुद्ध नगर के कुख्यात स्क्रैप माफिया रवि काना की सहयोगी काजल झा को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। इससे पहले गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका दो बार खारिज कर दी थी। इसके बाद काजल के वकील ने हाईकोर्ट में अपील की, जहां से उन्हें जमानत मिल गई।
काजल झा की गिरफ्तारी से लेकर जेल जाने तक का सफर:
रवि काना और काजल झा को 23 अप्रैल को बैंकॉक, थाईलैंड से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने उन्हें दोपहर 1:00 बजे गिरफ्तार किया और 25 अप्रैल की रात 11:30 बजे दोनों दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचे। 26 अप्रैल की सुबह 2:30 बजे इमीग्रेशन की प्रक्रिया पूरी की गई। इसके बाद सुबह 7:30 बजे नोएडा पुलिस को इसकी सूचना मिली। 26 अप्रैल की दोपहर 2:00 बजे नोएडा पुलिस एयरपोर्ट पहुंची और शाम 4:00 बजे दोनों को पुलिस थाने लेकर आई। पूछताछ के बाद, 27 अप्रैल की दोपहर 2:00 बजे दोनों को जिला अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
काजल झा का रवि काना के संपर्क में आना:
रवि काना के काले कारोबार में काजल झा के पिता मुंशी का काम करते थे। इसी दौरान काजल झा रवि काना के संपर्क में आई और उनकी दोस्ती ने काजल को गैंगस्टर बना दिया। धीरे-धीरे काजल झा माफिया के काले कारोबार की फाइनेंस देखभाल करने लगी और उसकी मालकिन बन गई। काजल झा मूल रूप से बिहार की रहने वाली हैं और उनके पिता सुनील कुमार ग्रेटर नोएडा की जेपी ग्रीन सोसाइटी में रहते हैं। लगभग आठ साल पहले, माफिया रवि काना ने मुंशी की बेटी काजल झा को अपने गैंग में शामिल कर लिया था।
दिल्ली में आलीशान बंगला:
काजल झा ने ग्रेटर नोएडा के एक कॉलेज से बीकॉम की पढ़ाई की है। माफिया ने उसे अपने गैंग के फाइनेंस की जिम्मेदारी सौंप दी। धीरे-धीरे काजल झा रवि काना की करीबी बन गई और वह मालकिन बन गई। रवि काना ने काजल के नाम पर दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में एक बंगला खरीदा था, जहां काजल शानदार जीवन जी रही थी। काजल महंगे कपड़े, जूते, घड़ी और चश्मे की शौकीन है। गिरफ्तारी के दौरान भी वह ब्रांडेड कपड़े, जूते और टोपी पहने हुए थी।
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