नोे़एडा। दिव्यांशु ठाकुर
भागदौड़ भरी जिंदगी में काम का तनाव और वायु प्रदूषण नोएडा निवासियों के मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार, पूरी नींद न लेना, खराब जीवनशैली, और ऑक्सीजन की कमी जैसी समस्याएं ब्रेन स्ट्रोक और डिमेंशिया के खतरे को बढ़ा रही हैं। प्रत्येक महीने बड़ी संख्या में ऐसे मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। इलाज के साथ-साथ डॉक्टर जीवनशैली में बदलाव की भी सलाह दे रहे हैं।
फेलिक्स अस्पताल के न्यूरो सर्जन डॉ. सुमित शर्मा बताते हैं कि हाई बीपी, डायबिटीज, मोटापा, और हृदय रोग के मरीजों को ब्रेन स्ट्रोक का सबसे अधिक खतरा होता है। ऐसे मरीजों में 80 प्रतिशत तक स्ट्रोक का खतरा होता है। फास्ट फूड और चिकनाई युक्त भोजन भी मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। तनाव को कम करना सबसे महत्वपूर्ण है, और इसके लिए नियमित योग और ईश्वर आराधना की सलाह दी जाती है।
देर रात तक टीवी, लैपटॉप, और मोबाइल देखना अब आम हो गया है, जो नींद को प्रभावित करता है। स्वस्थ दिमाग के लिए आठ घंटे की गहरी नींद आवश्यक है। तनाव का स्तर बढ़ने पर शराब, बीड़ी-सिगरेट, गुटखा, और तंबाकू का सेवन न्यूरान्स को प्रभावित करता है, जिससे नसों में ब्लॉकेज और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
कैलाश अस्पताल के न्यूरो सर्जन डॉ. वरुण भार्गव कहते हैं कि ब्रेन को सबसे अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, लेकिन वायु प्रदूषण के कारण पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। इससे ब्रेन की कोशिकाएं क्षीण हो जाती हैं और मानसिक क्षमता कम होने लगती है, जिससे निर्णय लेने और याद रखने की क्षमता प्रभावित होती है।
फोर्टिस हॉस्पिटल के निदेशक न्यूरो सर्जन डॉ. राहुल गुप्ता के अनुसार, सड़क दुर्घटनाओं, ऊंचाई से गिरने, और हमलों में मस्तिष्क को नुकसान पहुंच सकता है। ऐसे में पहले 40 मिनट बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। अगर समय पर इलाज मिल सके तो मरीज के स्वस्थ होने की 80 प्रतिशत संभावना होती है। एस्केमिक ब्रेन स्ट्रोक का इलाज चार से आठ घंटों में शुरू हो जाए तो गंभीर नुकसान से बचा जा सकता है। मामूली स्ट्रोक को चेतावनी मानकर जीवनशैली में बदलाव करना चाहिए।
मस्तिष्क रोगों से बचाव के लिए अच्छी डाइट लें:
- हरी सब्जियां, फल, नट्स, और मछली का सेवन करें।
- नियमित शारीरिक गतिविधियां बढ़ाएं।
- मस्तिष्क को सक्रिय रखने के लिए पढ़ाई, पहेली हल करें और नई चीजें सीखें।
- पर्याप्त और गुणवत्ता वाली नींद लें।
- ध्यान, योग, और अन्य तनाव प्रबंधन तकनीक सीखें।
- बीपी, शुगर, और मोटापे को काबू में रखें और दवाएं लेते रहें।
- चिकनाई, फास्ट फूड, और अधिक नमक-मिर्च से परहेज करें।
- तनाव न लें, योग और कसरत करें, हल्का संगीत सुनें।
- साल में एक बार दोस्तों और परिवार के साथ घूमने जाएं।
- धार्मिक स्थलों का भ्रमण कर तनाव कम करें।
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