नोएडा। दिव्यांशु ठाकुर
बिसरख थाना क्षेत्र में कैब चालक राकेश तोमर से जबरन पैसे लूटने और अभद्र व्यवहार करने के मामले में ट्रेनी दरोगा अमित मिश्रा को बर्खास्त कर दिया गया है। पुलिस ने उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। मामले को दो दिन तक छिपाने के आरोप में डीसीपी सुनीति को पद से हटा दिया गया है, जबकि बिसरख थाने के एसएचओ और चौकी प्रभारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। स्थानांतरण के बाद भी जमे कर्मियों को निलंबित करने की कार्रवाई की जा रही है।
कैब चालक की शिकायत
बागपत के बड़ौत निवासी कैब चालक राकेश तोमर ने पुलिस आयुक्त को लिखित शिकायत दी थी कि 2 अगस्त की रात करीब एक बजे वे दिल्ली के पंचशील विहार से एक महिला सवारी को छोड़ने 11 एवेन्यू स्थित गौड़ सिटी आए थे। इसी दौरान दो कारों में सवार पांच लोग उनके पास आए और उन्हें नीचे उतारकर अभद्र व्यवहार किया। इनमें से एक पुलिस की वर्दी में था। उन लोगों ने कैब चालक और महिला सवारी को अपनी गाड़ी में बैठाकर एक सुनसान स्थान पर ले जाकर उनके साथ मारपीट की और 7 हजार रुपये छीन लिए। खर्चे का पैसा नहीं होने की बात कहने पर पांच सौ रुपये वापस देकर उन्हें भगा दिया गया। राकेश ने पुलिस कंट्रोल रूम में इस घटना की शिकायत की।
पुलिस की कार्रवाई
प्राथमिक जांच में मामले को सही पाए जाने पर ट्रेनी दरोगा अमित मिश्रा और उनके दो अन्य साथी, अभिनव और आशीष, के खिलाफ कार्रवाई की गई। घटना में प्रयोग की गई स्कार्पियो और हुंडई वेन्यू गाड़ी को सीज कर दिया गया है। पुलिस टीम को ट्रेनी दरोगा के दोनों साथियों की गिरफ्तारी के लिए रवाना किया गया है।
प्रशासनिक कार्रवाई
डीसीपी सुनीति को पद से हटाकर आईपीएस शक्ति मोहन अवस्थी को सेंट्रल जोन का प्रभार दिया गया है। एसएचओ बिसरख अरविंद कुमार, चौकी प्रभारी गौड़ सिटी-1 रमेश चन्द्र और दरोगा मोहित को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही निरीक्षक मनोज कुमार सिंह को सूरजपुर थाने से बिसरख थाने का प्रभारी बनाया गया है, जबकि निरीक्षक विनोद कुमार को इकोटेक-3 थाने से सूरजपुर थाने का प्रभारी नियुक्त किया गया है। पुलिस लाइन से निरीक्षक अनिल पांडे को इकोटेक-3 थाने का प्रभारी बनाया गया है।
चौकी प्रभारी पर आरोप
कैब चालक राकेश तोमर की शिकायत पर एसीपी को जांच सौंपी गई थी। फुटेज और जांच में दरोगा अमित मिश्रा की पहचान की गई। साथ में दो अन्य लोग भी मौजूद थे। कैब चालक ने पुलिस चौकी में लिखित शिकायत दी थी, लेकिन चौकी प्रभारी ने सब इंस्पेक्टर को बुलाकर पहचान कराने के बावजूद उसका नाम नहीं बताया। 7 हजार रुपये वापस कराकर समझौता करने का दबाव डाला, लेकिन कैब चालक ने इंकार कर दिया और पुलिस कमिश्नर से शिकायत की।