नोएडा। दिव्यांशु ठाकुर
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने हिंडनबर्ग रिसर्च के ताजा आरोपों पर पहली बार प्रतिक्रिया दी है। सेबी की चेयरपर्सन माधवी बुच ने कहा कि समय-समय पर आवश्यक खुलासे किए गए हैं और उन्होंने संभावित हितों के टकराव से जुड़े मामलों से खुद को अलग कर लिया था। सेबी ने अदाणी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए सभी आरोपों की जांच की है और जिन मामलों में जांच पूरी हो चुकी है, उनमें कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।
सेबी ने अपनी रिपोर्ट में निवेशकों से शांति बनाए रखने और सूझ-बूझ से काम लेने की सलाह दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि निवेशकों को ऐसे मामलों में प्रतिक्रिया देने से पहले पूरी तैयारी करनी चाहिए और हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में दिए गए अस्वीकरण पर भी ध्यान देना चाहिए।
सेबी ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का भी उल्लेख किया, जिसमें कहा गया था कि सेबी ने अदाणी समूह से जुड़े 24 में से 22 मामलों की जांच पूरी कर ली है। बाकी बचे दो मामलों में से एक की जांच मार्च 2024 में समाप्त हुई थी, जबकि एक और मामला जल्द ही निपट जाएगा।
इसके अलावा, सेबी ने 27 जून को हिंडनबर्ग को प्रतिभूति कानूनों के उल्लंघन के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसे हिंडनबर्ग ने अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित किया। सेबी ने यह भी बताया कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में माधवी बुच और उनके पति पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अदाणी घोटाले में इस्तेमाल की गई अपतटीय संस्थाओं में दंपति की हिस्सेदारी थी, जो पूरी तरह से निराधार है।