ग्रेटर नोएडा। दिव्यांशु ठाकुर
ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित शारदा अस्पताल में डॉक्टरों ने कोलकाता के एक मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर के विरोध में एक शांतिपूर्ण पैदल मार्च निकाला। इस मार्च का आयोजन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के नेतृत्व में रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने किया। इसमें एमबीबीएस इंटर्न और छात्रों समेत लगभग 300 लोग शामिल हुए।
आरडीए की अध्यक्ष डॉ. विश्वानी ने इस मार्च के माध्यम से अपनी मांगें रखीं। उन्होंने कहा कि इस विरोध का उद्देश्य पीड़िता को जल्द से जल्द न्याय दिलाना और देशभर में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कड़े नियम और नीतियों की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करना है। उन्होंने इस घटना को मानवता के खिलाफ बताते हुए कहा कि डॉक्टरों के लिए काम करने का वातावरण सुरक्षित होना चाहिए, खासकर महिलाओं के लिए। यह घटना समाज के लिए एक चिंताजनक स्थिति है, जहां डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है, वहीं उनके साथ ऐसी घटनाएं घटित हो रही हैं।
मार्च के दौरान ओपीडी सेवाएं बंद रहीं, हालांकि इमरजेंसी और रेडियोलॉजी सेवाएं चालू रखी गईं ताकि मरीजों को असुविधा न हो। आरडीए की उपाध्यक्ष ने बताया कि महिलाओं के साथ होने वाले अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना हम सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि देश के सभी अस्पतालों को हवाई अड्डों की तरह सुरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाना चाहिए ताकि डॉक्टर बिना किसी भय के अपना काम कर सकें। इस मार्च में अस्पताल के कई प्रमुख डॉक्टर और विभिन्न विभागों के एचओडी भी शामिल हुए।