ग्रेटर नोएडा। दिव्यांशु ठाकुर
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने उन 32 बिल्डरों को अल्टीमेटम जारी कर दिया है, जिन्होंने अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों का पालन न करते हुए 20 हजार बॉयर्स को अधर में लटका रखा है। इस सप्ताह सभी बकायेदार बिल्डरों को सख्त वार्ता के लिए नोटिस भेजे जाएंगे। साथ ही, देश की प्रतिष्ठित लॉ फर्मों से कानूनी सलाह लेकर प्राधिकरण इन बिल्डरों के खिलाफ न्यायालय में अपील करेगा। जिन बिल्डरों ने कार्रवाई पर स्थगन आदेश प्राप्त किया है, उनकी व्यावसायिक संपत्ति को अटैच करने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।
शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों को बकाया नहीं चुकाने वाले बिल्डरों पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। इसके बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने बकायेदार 32 बिल्डरों की संपत्तियों का विवरण अपडेट किया और कानूनी सलाह के लिए देश की प्रमुख लॉ फर्मों से संपर्क करना शुरू किया है। इन बिल्डरों में से अधिकांश ने न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त किया है, जिससे मामले की प्रगति रुकी हुई है।
प्राधिकरण अब उन बिल्डरों की रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत करेगा जिन्होंने कुल बकाया राशि का 25 प्रतिशत भी जमा नहीं किया है और 20 हजार आवंटियों को अधर में लटका रखा है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के क्षेत्र में 96 बिल्डर परियोजनाओं में से 32 बिल्डरों ने अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों का लाभ नहीं उठाया है। प्राधिकरण अब इन बिल्डरों से वसूली के लिए अपनी रणनीति तय करेगा, जिसमें बॉयर्स के हितों का भी ध्यान रखा जाएगा।