ग्रेटर नोएडा। दिव्यांशु ठाकुर
ग्रेटर नोएडा में जेवर एयरपोर्ट के निर्माण के कारण कई गांवों का विस्थापन हो चुका है, जिसमें रनहेरा गांव भी शामिल है। ग्रामीणों ने विकास के नाम पर अपनी जमीनें छोड़ दीं, लेकिन अब वे गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं। रनहेरा गांव में पानी भर गया है और सड़कें बुरी तरह से जलमग्न हैं। विस्थापन के समय प्रशासन और यमुना प्राधिकरण ने उन्हें सभी आवश्यक सुविधाएं देने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। ग्रामीणों की शिकायतों के बावजूद प्राधिकरण ने उनकी मदद नहीं की, जिससे उनकी स्थिति दयनीय हो गई है।
भारतीय किसान यूनियन के पश्चिमी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष पवन खटाना ने कहा कि रनहेरा के लोग विकास के नाम पर अपना गांव छोड़कर गए थे, लेकिन जहां उन्हें बसाया गया है, वहां की स्थिति खराब है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही प्रशासन और प्राधिकरण द्वारा जरूरी सुविधाएं नहीं दी गईं, तो 10 सितंबर को आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। खटाना ने जोर देकर कहा कि विस्थापन के समय किए गए वादों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए, अन्यथा वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।