सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति घोटाला मामले में जमानत दी, 10 लाख रुपये का मुचलका और शर्तें लागू

नोएडा। दिव्यांशु ठाकुर 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने आबकारी नीति घोटाला मामले में जमानत दी है। कोर्ट ने दो याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने केजरीवाल को नियमित जमानत देने का निर्णय लिया। कोर्ट ने जमानत के लिए 10 लाख रुपये के मुचलके और दो जमानत राशियों का आदेश दिया।

इस मामले में सीबीआई ने भ्रष्टाचार के आरोप में केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। उन्होंने इस गिरफ्तारी और जमानत से इनकार किए जाने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। कोर्ट ने पांच सितंबर को याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखा था। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि सीबीआई की गिरफ्तारी वैध थी, और धारा 41ए के तहत कोई उल्लंघन नहीं हुआ था। इसके अलावा, कोर्ट ने माना कि सीबीआई ने गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त कारण दिए थे।

हालांकि, न्यायमूर्ति भुइयां ने गिरफ्तारी की आवश्यकता और समय पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी के आधार पर्याप्त नहीं थे और केजरीवाल को हिरासत में रखने से न्याय का उपहास होता। उन्होंने ईडी के मामले में जमानत मिलने के बाद सीबीआई की सक्रियता पर भी सवाल खड़े किए। जमानत पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि लंबे समय तक कारावास आजादी से अन्याय के बराबर है। अभियोजन पक्ष द्वारा गवाहों और सबूतों के साथ छेड़छाड़ की आशंकाओं को खारिज करते हुए, कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत दी। कोर्ट ने कुछ शर्तें भी लगाईं, जिसमें कहा गया कि केजरीवाल इस मामले पर सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं करेंगे और ट्रायल कोर्ट के साथ पूरा सहयोग करेंगे।

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