संविधान दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सेंट्रल हॉल में दिए गए अभिभाषण के बाद विपक्ष ने इस पर संसद में चर्चा की मांग उठाई है। डीएमके सांसद टीआर बालू, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर संविधान पर दो दिनों तक बहस कराने की मांग की है। खरगे ने कहा कि संविधान की अच्छी बातों पर चर्चा होनी चाहिए और आज की चुनौतियों पर भी बात होनी चाहिए। उन्होंने आग्रह किया कि इसके लिए समय आवंटित किया जाए। कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने बताया कि बीआर आंबेडकर की 125वीं जयंती और भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ पर भी संसद में बहस हुई थी।
डीएमके सांसद टीआर बालू ने अपने पत्र में कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में संविधान के समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष पहलुओं का उल्लेख नहीं किया गया। उन्होंने इसे मौजूदा सत्र में चर्चा के एजेंडे में शामिल करने की मांग की। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने संविधान की प्रस्तावना का उल्लेख करते हुए सवाल किया कि क्या इसका अक्षरश: पालन हो रहा है। उन्होंने बढ़ती वैमनस्यता को राष्ट्र के लिए खतरा बताया। विपक्षी नेताओं ने इस चर्चा को जनता के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए सरकार से जवाब मांगा है।
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