मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में वसीयत, बंटवारा एवं संपत्ति कर निर्धारण से जुड़े मामलों में एक समान प्रक्रिया और शुल्क संरचना लागू करने के निर्देश दिए हैं। वर्तमान में नगर निगमों, पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में नामांतरण और शुल्क की व्यवस्था अलग-अलग है, जिससे नागरिकों को असुविधा होती है। उदाहरणस्वरूप, गाजियाबाद में वसीयत पर नामांतरण का शुल्क ₹5000 है, जबकि लखनऊ में यह कार्य निशुल्क है। इसी तरह मेरठ और प्रयागराज में बंटवारे के नामांतरण शुल्क में भी भारी अंतर है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि ऐसी असमानताओं को समाप्त कर सभी नगरीय निकायों में एक समान प्रक्रिया और शुल्क निर्धारण किया जाएगा।
जानकारी के लिए बता दे कि नगर विकास विभाग इस नई व्यवस्था के लिए नियमावली तैयार कर रहा है, जिसे जल्द ही कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य नागरिकों को पारदर्शी, सुगम और समान सेवा उपलब्ध कराना है। ‘ईज़ ऑफ लिविंग’ को बढ़ावा देने के लिए यह पहल नगरीय प्रशासन में बड़ा सुधार मानी जा रही है।
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