Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसलों पर मुहर लगाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में 11 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिसमें राज्य कर्मचारियों की ट्रांसफर पॉलिसी 2025-26 भी शामिल है। इस नई नीति के तहत प्रदेश में 15 मई से 15 जून 2025 तक अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले किए जाएंगे।
ट्रांसफर पॉलिसी के प्रमुख बिंदु
नई ट्रांसफर पॉलिसी के अनुसार, समूह ‘क’ और ‘ख’ के अधिकतम 20 प्रतिशत अधिकारियों और कर्मचारियों का तबादला किया जाएगा, जबकि समूह ‘ग’ और ‘घ’ के लिए यह सीमा 10 प्रतिशत होगी। तबादले के लिए प्राथमिकता उन कर्मचारियों को दी जाएगी, जिन्होंने एक जिले में 3 साल और एक मंडल में 7 साल की सेवा पूरी कर ली है।
इसके अलावा, तबादला सत्र के दौरान समूह ‘ग’ और ‘घ’ कर्मचारियों के तबादले यथासंभव मेरिट आधारित ऑनलाइन सिस्टम के जरिए होंगे। यदि 10 प्रतिशत से अधिक तबादले की आवश्यकता होगी, तो इसके लिए विभागीय मंत्री की मंजूरी जरूरी होगी।
कर्मचारियों के लिए राहत
नई ट्रांसफर पॉलिसी से कर्मचारियों को अपनी पसंद के स्थानों पर तबादले का अवसर मिलेगा। खासकर, लंबे समय से एक ही स्थान पर तैनात कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा, दिव्यांग बच्चों के माता-पिता को ऐसे स्थानों पर तैनाती दी जाएगी, जहां चिकित्सा और देखभाल की समुचित व्यवस्था हो।
यह कैबिनेट बैठक पेपरलेस रही, जिसमें सभी मंत्री टैबलेट के साथ शामिल हुए। सरकार का लक्ष्य न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं को डिजिटल करना है, बल्कि प्रदेश में सड़क संपर्क, मूलभूत ढांचे, और निवेश के अवसरों को बढ़ाना भी है। योगी सरकार की इस नई ट्रांसफर पॉलिसी से प्रदेश में प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार और कर्मचारियों के लिए बेहतर कार्य वातावरण की उम्मीद जताई जा रही है।
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