ग्रेटर नोएडा। कपिल चौधरी

एक तरफ तो प्राधिकरण के अधिकारी फंड की कमी का रोना रोते रहते हैं जरूरी कामों को फंड की कमी बताकर के डालते रहते हैं वहीं दूसरी तरफ नाश्ता और जलपान पर लाखों रुपए महीना खर्च किए जा रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता आर्य सागर खारी द्वारा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में आरटीआई लगाई गई थी। जिसके जवाब में प्राधिकरण में 27 महीनों का ब्यौरा दिया गया जिसमें बताया गया कि 1 अप्रैल 2020 से 30 जून 2022 तक प्राधिकरण ने इन 27 महीनों में प्राधिकरण कार्यालय में शासकीय बैठकों, समीक्षा बैठक, क्षेत्रीय किसानों के साथ बैठकों एवं अन्य बैठकों जलपान चाय नाश्ते पर 71 लाख रुपए खर्च किए गए हैं।

ज्यादा बिल का ठीकरा किसानों के नाम पर फोड़ा

प्राधिकरण ने अपने जवाब में किसानों के साथ हुई बैठकों का जिक्र क्या है कि क्षेत्रीय किसानों के साथ हुई बैठकों में भी जलपान और नाश्ते पर बड़ी राशि खर्च की गई है। जबकि किसानों का कहना है कि इन 27 महीनों के अंतराल में मात्र 2 से 3 बैठक के किसानों की प्राधिकरण में हुई है और उनमें भी सिर्फ किसानों को पानी दिया गया चाय तो कभी कभार ही मिली है और बैठक में किसानों की संख्या भी कम ही होती थी।

सामाजिक कार्यकर्ता आर्य सागर खारी का कहना है कि प्राधिकरण में चाय नाश्ते के नाम पर भी घोटाला हुआ है। इसकी शिकायत वह मुख्यमंत्री कार्यालय और लोकायुक्त को पत्र लिखकर बिल की जांच कराने की मांग करेंगे।

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