ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के राज में बिल्डर मस्त, लाचार फ्लैट खरीदार, छुट्टी चली जाती है धरना प्रदर्शन में।

ग्रेटर नोएडा । कपिल कुमार
ग्रेटर नोएडा में प्राधिकरण का राज चल रहा है और प्राधिकरण के राज में बिल्डर मौज कर रहे हैं। मनमाने तरीके से लोगों से फ्लैटों के नाम पर पैसे इकट्ठा कर उन पर कुंडली मारकर बैठ जाते हैं। लोगों की जीवन भर की पूंजी इन बिल्डरों के हाथ में जा चुकी है जिस फ्लैट के लिए लोगों ने बिल्डरों को पैसे दिए थे आज उस फ्लैट के मालिकाना हक के लिए धरना प्रदर्शन करने पड़ रहे हैं। लेकिन उनकी बात कोई सुनने वाला ही नहीं है उनके धरना प्रदर्शन से किसी पर कोई असर नहीं होता दिख रहा है लेकिन इनके जीवन भर की पूंजी इनके हाथ से जा चुकी है। ये लोग अपने घर चलने के काम करे या धरना प्रदर्शन करे?
ग्रेटर नोएडा के सेक्टर अल्फा वन में बनी MSX ALPHA HOMES अल्फा होम्स सोसाइटी यहां के खरीदारों ने बिल्डर को सालों पहले पूरा पैसा जमा कर दिया। लेकिन रजिस्ट्री के लिए इन्हें हर छुट्टी के दिन धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है लेकिन फिर भी इनकी कोई सुनने वाला नहीं है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्यों भाग रहा है अपनी जिम्मेदारी से
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने MSX बिल्डर को प्लॉट अलॉट किया था और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की जिम्मेदारी है लोगों के साथ न्याय करना। जो सोसाइटी के सभी खरीदारों ने पूरा पैसा जमा कर दिया तो उनकी संपत्ति की रजिस्ट्री क्यों नहीं की जा रही हैं उन्हें मालिकाना हक क्यों नहीं दिया जा रहा है? इसका जवाब ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को देना होगा। बिल्डरों पर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ लेटर ही जारी किए जाते हैं। प्राधिकरण की तरफ से बिल्डर पर क्यों एफ आई आर (FIR) दर्ज नहीं की जा रही?
ना हीं फ्लैट खरीदारों को सोसाइटी की सुख सुविधाएं मिल पा रही है बिल्डिंग के स्ट्रक्चर की भी खस्ता हालत होती जा रही है और बिल्डर मनमाने तरीके से मेंटेनेंस भी लोगों से वसूल रहा है। इस पर भी प्राधिकरण का कोई कंट्रोल नहीं है इस प्राधिकरण राज में बिल्डर बेलगाम हो गए हैं।
जब फ्लैट खरीदार पूरा पैसा दे चुके हैं तो बिल्डर ने प्राधिकरण को पैसा क्यों नहीं दिया
सालों पहले फ्लैट खरीदार बिल्डर को अपना पूरा पैसा दे चुके हैं लेकिन उसके बावजूद भी बिल्डर फ्लैट खरीदारों के नाम रजिस्ट्री नहीं कर रहा है आखिर बिल्डर के पास आया पैसा कहां चला गया, बिल्डरों को किसी का कोई डर नहीं है वहां की सोसाइटी के पैसे से दूसरी जगह संपत्ति खरीद लेते हैं और उनके इस रवैया के कारण फ्लैट खरीददार अपना हक पाने के लिए जूझ रहे हैं। प्राधिकरण को कुछ करना होगा। जिसे फ्लैट खरीदार को उसका हक़ मिल सके।
