अपनों से महफूज नहीं मासूम, 36 घंटे में चार से हैवानियत; अभिभावकों का सतर्क रहना जरूरी

 अपनों से महफूज नहीं मासूम, 36 घंटे में चार से हैवानियत; अभिभावकों का सतर्क रहना जरूरी

गाजियाबाद। जिले में 36 घंटे में चार बच्चे हैवानियत का शिकार हुए। उनके साथ रिश्तेदार, पड़ोसी व गुरु ने ही दरिंदगी की। इससे साफ हो गया कि यहां अपनों से ही बच्चे महफूज नहीं हैं। इसका सबसे बड़ा कारण सामाजिक दबाव का खत्म होना है। ऐसे में अभिभावकों का सतर्क रहना बहुत जरूरी है।
केस स्टडी – एक : लिंक रोड थाना क्षेत्र में 27 जनवरी को दिन में मुंहबोले चाचा ने सात साल की बच्ची को सामान देने के बहाने कमरे में बुलाकर दरिंदगी की। किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। 28 जनवरी को दर्द न सहन कर पाने पर बच्ची ने अपनी मां को आपबीती सुनाई तो मामले का राजफाश हुआ। पुलिस ने 29 जनवरी को आरोपित को गिरफ्तार करके जेल भेजा।
केस स्टडी – दो : लिंक रोड थाना क्षेत्र में 28 जनवरी को दिन में रिश्ते के 45 वर्षीय बाबा ने चार साल की मासूम को हवस का शिकार बनाया। वह टाफी दिलाने के बहाने बच्ची को अपने कमरे में ले गया और वारदात को अंजाम दिया। बच्ची के स्वजन ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने उसे जेल भेजा।
केस स्टडी – तीन : लोनी बार्डर थाना क्षेत्र में 28 जनवरी की सुबह 25 वर्षीय युवक ने 13 साल की बच्ची को सामान देने के बहाने कमरे में बुलाकर दरिंदगी की। दोनों एक ही मकान में किराए पर रहते हैं। बच्ची आरोपित को भैया कहती थी। उसने भाई-बहन के रिश्ते को तार-तार कर दिया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके जेल भेज दिया।
केस स्टडी – चार : लोनी कोतवाली क्षेत्र में 28 जनवरी की रात मदरसे में मौलाना ने 12 साल के बच्चे के साथ कुकर्म किया। बच्चा मदरसे में रहकर पढ़ाई कर रहा था। मौलाना ने गुरु के रिश्ते का मान नहीं रखा। उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस ने सोमवार को उसे गिरफ्तार किया।
सामाजिक दबाव नहीं
वरिष्ठ मनोचिकित्सक डा. संजीव त्यागी ने बताया कि देश के कोने-कोने से लोग यहां आकर बसे हैं। उन्हें सिर्फ अपने-आप से मतलब है। उन पर कोई सामाजिक दबाव नहीं है। रिश्तों पर हार्मोन हावी हो रहा है। ऐसे लोग अपनी यौन संबंधी इच्छाएं पूरी करने के लिए शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर शिकार तलाशते हैं।

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