मौत के सौदागर!

(टीकम सिंह,मुख्य संपादक, नोएडा व्यूज)
ये खबर शायद उन मकान मालिकों और प्लैट मालिकों के लिए एक सबक हो सकती है कि थोडे ज्यादा किराये के लालच में अपने मकान/प्लैट को किसी विदेशी मूल(खासकर अफ्रीकी मूल) के नागरिक को बिना जांच पडताल किये किराये पर देकर कैसे वो मासूम बच्चों,समाज व देश को अंजाने में ही सही परन्तु एक बहुत बडे खतरे में डाल रहे हैं।विदेशी मूल के ये नागरिक कई प्रकार के गैरकानूनी और खतरनाक कार्यों में लिप्त हैं।जिसमें सबसे खतरनाक काम जो ये कर रहें हैं वो है नशे के द्वारा “मौत का व्यापार”।
आप सभी भली भाँति जानते ही हैं कि नशे ने पूरी दुनिया में किस तरह से तबाही मचायी हुई है।कई देशों(खासकर अफ्रीकी देश) की पूरी नस्ल को नशे ने अपनी चपेट मे ले लिया है।लगातार नशे के कारण होने वाली मौतों का आँकडा बढ़ता जा ही जा रहा है।यदि भारत सरकार ईमानदारी और निष्पक्षता से जाँच कराये तो हो सकता है कि भारत में भी नशे से जो मौतें हो रही हैं वो अन्य प्रकार से हो रही मौतों से कहीं ज्यादा निकले।
ज्यादा दिन पुरानी बात नही है जब ग्रेटर नोएडा में एक मासूम बच्चे की जान इसी कारण से हुई थी।जिस पर उस समय काफी हंगामा हुआ था।उस समय देश व प्रदेश की सरकार और पुलिस ने नशे के सौदागरों पर सख्त कार्यवाही करने के बजाय शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे ग्रेटर नोएडा के स्थानीय निवासियों पर ही लाठीचार्ज किया और सैकडों लोगों के खिलाफ मुकद्दमा दायर करके जेल भेज दिया था।सबसे ज्यादा दुःख की बात तो ये है कि पुलिस ने नशे के सौदागर अफ्रीकी मूल के नागरिकों के कारण असमय काल के गाल में गये बच्चे के शोकाकुल पिता पर भी शांतिभंग का मुकद्दमा दायर कर दिया था।
इसके अलावा पी-4 सेक्टर में इन अफ्रीकी मूल के नागरिकों ने एक स्थानीय भाजपा नेता के घर पर भी अवैध कब्जा कर लिया था और एक बार फिर पुलिस मकान मालिक की मदद करने में नाकाम रही थी।
और अब नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा ग्रेटर नोएडा के पी-4 स्थित यूपी पुलिस के एक एसपी के घर पर छापा मारकर 1800 किलो ड्रग्स बरामद की है,जिसकी कीमत 400 करोड रूपये आंकी गयी है।इतनी बडी ड्रग्स की खेप का ग्रेटर नोएडा मे मिलना ये दर्शाता है कि इस शहर को मौत का व्यापार करने वाले इन नशे के सौदागरों ने पूरी तरह अपनी गिरफ्त में ले लिया है।शहर में चारो ओर इन मौत के सौदागरों का साम्राज्य स्थापित कर लिया है।ग्रेटर नोएडा की पहचान शिक्षा नगरी के रूप में भी है।यहाँ विभिन्न प्रकार के सैकडो शिक्षण संस्थान है,जहाँ देश-विदेश के लाखों शिक्षार्थी शिक्षा प्राप्त करने यहाँ आते है।शहर के नौलेज पार्क में सबसे ज्यादा शिक्षण संस्थान है और यहीं पर सबसे ज्यादा छात्र पढते और ज्यातर हॉस्टल भी यहीं है जिनमे ये छात्र रहते है इसलिए नशे के सौदागरों के लिए नौलेज पार्क सबसे मुफीद स्थान है।यहाँ पढने वाले छात्रों के ये आसानी से अपना शिकार बनाकर नशे का आदी बना रहे हैं।यहाँ छात्र शिक्षा पाने के स्थान पर नशे के आदी होकर अपने जीवन को समाप्त कर रहें है।
मीडिया लगातार नशे के व्यापार के बारे में छापती रही है परन्तु लगता है कि भारत सरकार,प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन की इच्छाशक्ति इन मौत के सौदागरों के सामने इस कदर टूट चुकी है कि उन्होने इनके सामने आत्म समर्पण कर दिया है। अब इनके भरोसे हमारे इस खुबसूरत शहर को संरक्षित करने के बारे में सोचना बहुत बडी भूल होगी।तो अब इस खतरें से अपने इस खूबसूरत शहर को कैसे बचाएं ? ऐसे में अब हमारे पास सिर्फ निम्न दो ही विकल्प बचे हैं:-
१-इस खबर को भी अन्य खबरों की तरह पढकर भूल जाएं और हाथ पर हाथ धरकर मौत के सौदागरों को नशे के रुप में मौत बाँटने का काम करने दें और अपनी बारी आने का इंतेजार करें।
या फिर
२- बिना घबराये अपने परिवार और इस शहर को मौत के सौदागरों से बचाने के लिए खुद से पहल करें।
सबसे पहले यह दृढ संकल्प करें कि चाहे जो हो हम किसी भी सूरत में किसी विदेशी मूल के नागरिक और खासकर अफ्रीकी मूल के नागरिक को अपना प्लैट/मकान किराये पर नही देंगे,किसी विश्वनीय भारतीय निवासी को ही पूरी जांच पडताल के बाद किरायेदार रखेंगे लेकिन यदि किसी कारण से विदेशी मूल के नागरिक (खासकर अफ्रीकी मूल) को किरायेदार रखना ही पडे तो यूंहि अपना मकान/प्लैट किराये पर न दें बल्कि उसकी पूरी पुलिस वैरिफिकेशन करवायें और लगातार उसकी मॉनिटरिंग भी करते रहें।मॉनिटरिंग मे आपके पडोसी सबसे अच्छी मदद करेंगे।यदि कुछ भी संदिग्ध लगे या पडोसी ऐसे किरायेदारों की शिकायत आपसे करें तो उसे गंभीरता से लें और तुरन्त युक्ति-युक्त सख्त कार्यवाही करें।
कोई भी देश अपने नागरिकों की संकल्प शक्ति के कारण ही संरक्षित और सुरक्षित रह सकता है।सिर्फ सरकार के भरोसे नही!और इसका जीता जागता उदाहरण है यहूदियों का एकमात्र छोटा सा देश इजराइल।