राष्ट्रपति भवन के घोड़ो पर हो रहा है करोड़ों का खर्चा।

 राष्ट्रपति भवन के घोड़ो पर हो रहा है करोड़ों का खर्चा।

नई दिल्ली | आर्य सागर खारी :

महामहिम राष्ट्रपति भवन के घोड़े जो महामहिम राष्ट्रपति की बग्गी को खींचते हैं केवल 1 साल में 2 दिन गणतंत्र दिवस और स्वतंत्र दिवस के चुनिंदा अवसर पर इस्तेमाल किये जाते है । उनके खानपान पर सालाना 52 लाख रुपए खर्च होता है । यह तो केवल खान-पान का खर्चा है। इसके आलावा घोड़ों की ड्रेसिंग सज्जा चिकित्सीय खर्च अलग है। यह जानकारी राष्ट्रपति भवन से RTI द्वारा हासिल हुई । घोड़ों को उत्तम क्वालिटी का चना जौ गेहूं का चोकर दिया जाता है।
अंग्रेज कब का भारत छोड़ चुके है। अभी भी उपनिवेश कालीन स्थितियां हैं और आज यह सब जनता के पैसे से हो रहा है। जिस देश में लोग ऑक्सीजन अस्पतालों के अभाव में मर रहे हैं उस देश के राष्ट्रपति भवन में घोड़ा पालन हो रहा है।

चिकित्सीय सुविधाओं पर पैसा खर्च करना राष्ट्रपति भवन का कार्य क्षेत्र नहीं है। फिर इतना तो किया ही जा सकता है इतनी धनराशि में सैकड़ों गौ का पालन हो सकता है गौ संरक्षण का संदेश मिलता। इससे राष्ट्रपति भवन को अमृततुल्य गौ दुग्ध मिलता राजभवन के सैकड़ों कर्मचारियों को भी पौष्टिक खानपान मिलता।
घोड़ों से हमें कोई एलर्जी नहीं है घोड़ों पर करोड़ों खर्च हो रहा है तो घोड़ों का इस्तेमाल भी आवागमन में होना चाहिए। फिर महंगी लग्जरी गाड़ियों का काफिला क्यों?

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Kapil Choudhary

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