नोएडा। माफिया पर कार्रवाई और जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने के प्राधिकरण के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। प्राधिकरण की बेशकीमती 705.285 हेक्टेयर जमीन पर भूमाफियों ने दबा रखी है। यह बात कैग अपनी रिपोर्ट के जरिए शासन को बता चुका है, लेकिन माफिया से जमीन से कब्जा मुक्त करा प्राधिकरण अपने कब्जे में नहीं ले पा रहा है।
यही कारण है कि पिछले पांच वर्ष में महज 40 हेक्टेयर जमीन से अतिक्रमण साफ हो सका। जबकि सिर्फ 97.35 हेक्टेयर जमीन सिर्फ किसानों को विनियमितीकरण के तहत निस्तारित की गई, लेकिन अभी भी 567.93 हेक्टेयर जमीन पर आज भी माफिया का कब्जा है।
प्राधिकरण के पास अपना पुलिस बल
प्राधिकरण का यह हाल तब है, जब उनके पास पर्याप्त संसाधन मौजूद है। प्राधिकरण के पास अपना पुलिस बल है, जिसका काम सिर्फ शहर में अधिसूचित क्षेत्र की जमीन को अतिक्रमण से बचाने की जिम्मेदारी है, लेकिन फिर भी प्राधिकरण की ओर से जब भी मुख्यमंत्री का दौरा होता है, माफिया पर कार्रवाई कर जमीन मुक्त कराने की बात सामने आती है तो प्राधिकरण की ओर यह रोना रोया जाता है कि पुलिस प्रशासन से सहयोग मांगा गया था, लेकिन फोर्स नहीं मिल सकी।
कैग ने उठाए सवाल
बता दें कि कैग ने नोएडा प्राधिकरण द्वारा जमीन अधिग्रहित करने की धीमी प्रक्रिया पर भी सवाल उठाया है। साथ राजस्व नुकसान का भी हवाला दिया है। प्राधिकरण की ओर से 500.98 करोड़ रुपये बिना ब्याज के प्रशासन के पास जमा करा रखा है।
यदि यह रकम प्राधिकरण के खाते में रहती तो न सिर्फ ब्याज प्राप्त होता, बल्कि विभिन्न परियोजनाओं को समय से पूरा करने में इस धनराशि का प्रयोग किया जा सकता था। कैग की आपत्ति के बाद शासन ने प्राधिकरण अधिकारियों से जवाब तलब किया है, जिसका जवाब देने का दावा भी प्राधिकरण अधिकारियों की ओर से किया जा रहा है।

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