केंद्र सरकार ट्विटर पर कर सकती है बड़ी कार्रवाई।

नॉएडा : मोदी सरकार ने ट्विटर से साफ शब्‍दों में कह दिया है कि उसे जिन अकाउंट्स की लिस्‍ट सौंपी गई है उन्‍हें सेंसर करना ही होगा। ऐसा न करने की सूरत में भारत में उसके शीर्ष अधिकारियों को गिरफ्तार किया जा सकता है। सरकार ने कहा कि ‘भड़काऊ कंटेंट’ वाले खासतौर से वे अकाउंट्स जिन्‍होंने किसानों के नरसंहार वाले हैशटैग्‍स के साथ ट्वीट किए थे उनपर कोई बातचीत नहीं हो सकती। सरकार ने कहा कि आईटी ऐक्‍ट की धारा 69A के तहत दिए आदेश का पालन करने से कंपनी के इनकार पर उसका धैर्य जवाब देने लगा है।

अमेरिकी माइक्रो-ब्‍लॉगिंग कंपनी ने सरकार के आदेश को आंशिक रूप से लागू किया था। सरकार की लिस्‍ट में से करीब आधे अकाउंट्स को ब्‍लॉक किया गया है। भारत सरकार ने जैसा रुख अख्तियार किया है उसे देखते हुए ट्विटर को अब अदालतों का दरवाजा खटखटाना पड़ सकता है। कंपनी ने एक ब्‍लॉग पोस्‍ट में कहा कि ‘जिन लोगों की हम सेवा करते हैं, उनके लिए अभिव्‍यक्ति के अधिकार’ की रक्षा करेंगे।

इससे पहले, ट्विटर ने एक ब्‍लॉग पोस्‍ट में कहा कि उसने ‘न्‍यूज मीडिया संस्‍थानों, पत्रकारों, ऐक्टिविस्‍ट्स और नेताओं के अकांउट्स पर ऐक्‍शन नहीं लिया है। कंपनी ने कहा कि ‘हमें लगता है कि ऐसा करना, भारतीय कानून के तहत उन्‍हें मिले अभिव्‍यक्ति के मूल अधिकार का उल्‍लंघन होगा। इसके बाद आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद से मुलाकात की अर्जी केंद्र ने खारिज कर दी और बयान जारी करने पर भी नाराजगी जाहिर की।

सरकार ने #ModiPlanningFarmerGenocide हैशटैग के साथ ट्वीट करने वाले 257 हैंडल्‍स को ब्‍लॉक करने को कहा था। ट्विटर ने इनमें से केवल 126 को ब्‍लॉक किया है। इसके बाद सरकार ने 1,178 अकाउंट्स की एक और लिस्‍ट भेजी। सरकार को शक था कि इन अकाउंट्स का खालिस्तानी और पाकिस्‍तानी तत्‍वों से संपर्क है। कंपनी ने इनमें से कुल 583 को ब्‍लॉक किया है।

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