ग्रेटर नॉएडा (आर्य सागर खारी) : ग्रेटर नोएडा के बहुसंख्यक निवासियों को इसकी जानकारी नहीं है कि कुख्यात बिजली कंपनी एनपीसीएल बदनाम भ्रष्ट ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण दोनों एक दूसरे के बिजनेस पाटनर है अर्थात दोनों का ज्वाइंट वेंचर है वर्ष 1995 से।
ग्रेटर नोएडा शहर को बसाने के लिए इलेक्ट्रिफिकेशन कार्य के लिए यह करार हुआ था| एनपीसीएल को प्राइम लोकेशन पर जगह-जगह ओने पौने दामों पर बड़े बड़े भूखंड आवंटित किए गए हैं जिनका लैंड यूज चेंज कर दिया गया है। सैकड़ों बीघा भूमि कौड़ियों के भाव वैदपुरा जानसमाना गांव में पावर इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने के लिए एनपीसीएल को ऐसे ही दे दी गई आवंटन की शर्तों के मुताबिक आज तक वहां कोई काम नहीं हुआ है।
ग्रेटर नोएडा के 100 से अधिक अधिसूचित गांवों की बंद पड़ी स्ट्रीट लाइटों के फर्जी इलेक्ट्रिसिटी बिलों का मासिक करोड़ों में भुगतान एनपीसीएल प्राधिकरण नोएडा के द्वारा होता है यही शहरी औद्योगिक सेक्टरों का हाल है।
प्राधिकरण आठ हजार करोड़ के कर्जे में है. यह कर्जा शहर को बसाने में नहीं लोगों को लूटने में हुआ है जिसकी भागीदार एनपीसीएल भी है एनपीसीएल की कुंडली कंगाली जाए तो यह देश के इतिहास में किसी प्राइवेट कंपनी का किसी सरकारी उपक्रम विकास प्राधिकरण के साथ मिलकर सबसे बड़ा घोटाला सिद्ध होगा।
प्राधिकरण सूचना के अधिकार के तहत मेरे द्वारा ऑनलाइन दायर की गई आईटीआई का जवाब नहीं दे रहा है जिसमें यह पूछा गया है इन NPCL प्राधिकरण की साझेदारी की शर्तें एग्रीमेंट NPCL को किए गए भूमि आवंटन व इलेक्ट्रिफिकेशन कार्य मासिक बिजली बिलों के भुगतान की जानकारी जिसमें मांगी गई है पिछले 10 वर्षों की। एनपीसीएल प्राधिकरण के घोटाले के तार पश्चिम बंगाल तक जुड़े हुए हैं। कुछ स्थानीय वरिष्ठ पत्रकारों को इस घोटाले की भनक है लेकिन वह स्वार्थवस लिखने छापने से बच रहे हैं. कलम का सौदा कर दिया है जैसा स्थानीय किसान आंदोलन को लेकर वह करते हैं।
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