नई दिल्ली | शालू शर्मा :
जनवरी की शुरुआत से ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की ऊंची दरों के बीच भारत में ईंधन की कीमतें बढ़ रही है । हालांकि, मार्च के अंत से भारत में ईंधन की दर में वृद्धि हुई है, जिससे देश में महामारी प्रभावित मध्यम वर्ग को बहुत जरूरी राहत मिली है।
इस बीच, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को संकेत दिया कि आने वाले दिनों में भारत में ईंधन की दरों में और गिरावट आएगी क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में स्थिति में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि “पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कीमतें अब कम होने लगी हैं और आने वाले दिनों में ये और कम हो जाएंगी। हमने पहले भी कहा था कि हम अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में कमी का फायदा अंत ग्राहकों को देंगे।”
प्रधान ने पहले कहा था कि भारत में खुदरा ईंधन की कीमतें अंतरराष्ट्रीय दरों में नियंत्रित होती हैं क्योंकि देश अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए कच्चे तेल के आयात पर 85 प्रतिशत निर्भर है। उन्होंने यह भी कहा था कि केंद्र पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर करों में कमी नहीं करेगा, क्योंकि केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को जनता की मांगों को पूरा करने और विकास कार्यों को पूरा करने के लिए धन की आवश्यकता होती है।
देश भर में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अपरिवर्तित रहीं। दिल्ली में पेट्रोल 90.56 रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल 80.87 रुपये प्रति लीटर बेचा जा रहा है ।
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