हिजाब कुरान का अनिवार्य हिस्सा नहीं — जाह्नवी श्रीवास्तव

भादर गर्मी में शरीर और मुंह को पूरी तरह काले वस्त्रों से ढक कर घूमना, इन मुस्लिम महिलाओं को देख रूढ़िवादी संस्कृति और मज़हबी मान्यताओं को थोपना साफ दिखता है, जहां खुले लिबास में भी अन्य महिलाएं असहजता और गर्मी को अनुभव करती हैं वहीं बुर्के में कैद इन महिलाओं की मनोस्थिति आप समझ ही सकते होंगे। डॉ. भीम राव अम्बेडकर की एक किताब ‘ पाकिस्तान और पार्टीशन ऑफ इंडिया ’ में कहा है की ‘ एक मुस्लिम महिला सिर्फ अपने बेटे, भाई, पिता, चाचा, ताऊ और शौहर को देख…