ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने सेक्टरों व गांवों के रखरखाव व स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 858 करोड़ रुपये का बजट पास किया है।ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधीन आने वाले गांवों में विकास व रखरखाव कार्यों के लिए इस साल 239 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है। ये रकम गांवों में सामुदायिक केंद्र, सड़कें बनाने, नालियों का निर्माण, सीवर, स्मार्ट विलेज, खड़ंजे, विद्युतीकरण आदि कार्यों पर खर्च की जाएगी। गांवों के साथ ही शहर के रखरखाव को और बेहतर बनाने पर भी प्राधिकरण का जोर रहेगा।…
Day: 5 April 2022
सामाजिक संस्था ने 4 बच्चों का एडमिशन स्कूल में करवाया।
ग्रेटर नॉएडासामाजिक संस्था एथोमार्ट चेरिटबल ट्रस्ट के प्रयासों से ग्रेटर नोएडा वेस्ट की झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले 4 बच्चों का एडमिशन स्कूल में हुआ है। इनमें से एक बच्चे का एडमिशन माध्यमिक स्कूल और तीन बच्चों का एडमिशन प्राइमरी स्कूल में हुआ है। इएमसिटी संस्था काफी समय से झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले मजदूरों के बच्चों को पढ़ाई करवा रही हैं। रश्मि पांडे ने बताया कि उनकी संस्था रोजाना 65 गरीब बच्चों को शिक्षित कर रही हैं। सोमवार को उनकी संस्था की मेहनत रंग लाई और 4 बच्चों का एडमिशन स्कूलों…
भ्रष्टाचार का अड्डा बना नोएडा सब रजिस्ट्रार कार्यालय।
नोएडा( कपिल कुमार) नोएडा का सब रजिस्ट्रार कार्यालय आजकल सुर्खियों में है। वहां पर कुछ लोग बिना तन्ख्वाह के काम कर रहे हैं। आपने ऐसा पहली बार सुना होगा कि कोई कर्मचारी बिना तनख्वाह के काम करें, जबकि ऐसा नोएडा के उप निबंधन कार्यालय में हो रहा है, ना विश्वास आये तो आप किसी भी दिन, सेक्टर 33 स्थित कार्यालय मे स्वयं देख सकते हैं। 25 से ज्यादा बाहर के लोग बिना तनख्वाह के वहाँ कार्य कर रहे हैं जिनका कार्यालय में कोई सरकारी तो दूर प्राईवेट रिकॉर्ड भी नहीं…
बदल रही है नारीवाद की परिभाषा!
जाह्नवी श्रीवास्तव महिलाओं के हक के लिए लड़ने वाली मलाला यूसुफजई अपनी किताब ‘ आई एम मलाला ’ के नौवे अध्याय ‘ रेडियो मुल्लाह ’ में लिखती हैं की एक दिन सूफी मोहम्मद कहते हैं की महिलाओं को महिला मदरसों में भी कोई तालीम या शिक्षा नहीं मिलनी चाहिए, वे उन लड़कियों का नाम लेकर उन्हें प्रोत्साहित करते हैं जिन्होंने (तालिबानियों के खौफ से) स्कूल छोड़ने का फैसला लिया है या स्कूल छोड़ चुकी हैं। सूफी मोहम्मद मलाला और बाकी महिलाएं जो स्कूल जाती हैं उन्हें भैंस और भेड़ कहकर…