जेवर। कपिल कुमार
जेवर में बन रहे एयरपोर्ट की आड़ में कुछ लोग सरकार को लूटना चाहते हैं पिछले कुछ महीनों से एयरपोर्ट एरिया में आने वाले गांवों में 5 से 10 मीटर प्रति व्यक्ति जमीन की रजिस्ट्री हो रही है ऐसी सैकड़ों रजिस्ट्री जेवर सब रजिस्टार कार्यालय में रजिस्टर्ड हुई है 50 से 100 वर्ग मीटर के प्लॉट को 10 से 12 लोगों ने मिलकर खरीदा है ऐसे आपको सैकड़ों उदाहरण देखने को मिलेंगे, आखिर क्यों खरीद रहे हैं लोग इस तरह जमीन को? इनमें ज्यादातर लोग बाहर के हैं और कुछ लोग लोकल आसपास के गांव के हैं यह सभी लोग मिलकर के सरकार को आर्थिक हानि पहुंचाना चाहते हैं।
गलत तरीके से सरकारी योजना का उठाना चाहते हैं लाभ
2013 में जब कृषि कानून में संशोधन हुआ था तो उसमें ये संशोधन हुआ था कि जहां पर भी किसी बड़ी योजना के लिए लोगों को विस्थापित किया जाएगा उन्हें सरकार विस्थापित योजना के तहत लगभग 525000/- प्रति व्यक्ति अनुदान देगी, इसी योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ कथा कथित किसान नेता, वकील, राजनीतिक लोग और कुछ जागरूक लोग के दुवारा सरकारी योजना का लाभ उठाने के जो गांव एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहण होंगे उनकी खतौनी में अपना नाम दर्ज कराने के लिए जमीन खरीदी जा रही है।
जाने, किन-किन गांव में खेल चल रहा है
जेवर एयरपोर्ट के लिए जमीन खरीदने का दूसरा राउंड की प्रक्रिया चालू हो गई है इन्हीं में पड़ने वाले गांव थोरा, किशोरपुर, बनवारी वास, रोही, खाजपुर आदि गांव में यह जमीन खरीदने का खेल चल रहा है। सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि जेवर सब रजिस्ट्रार कार्यालय में ऐसी रजिस्टर प्रतिदिन हो रही है और सब रजिस्टार द्वारा बिना रोक-टोक ने किया जा रहा है उसकी एवज में सब रजिस्ट्रार पर कुछ सुविधा शुल्क लेकर के रजिस्ट्रीया करने के आरोप भी लग रहे है।
दाखिल खारिज कराने की की जा रही है कोशिश
अभी यह लोग दाखिल खारिज कराने के लिए जेवर तहसील में चक्कर काट रहे हैं वह भी बताया जा रहा है कि इनसे दाखिल खारिज की एवज में जेवर तहसील के अधिकारियों सुविधा शुल्क मांग रहे हैं और दाखिल खारिज कराने की गारंटी ले रहे हैं जब तक इन सभी की जांच ना हो तब तक इनका दाखिल खारिज जिला प्रसाशन को रोक देना चाहिए।
जिला अधिकारी गौतम बुध नगर को इसका संज्ञान लेना चाहिए, सरकार को आर्थिक हानि पहुंचाने के लिए यह लोग तरीके से सरकार की योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, ऐसी रजिस्ट्री को कैंसिल किया जाए और इनका दाखिल खारिज नहीं होना चाहिए और जो भी अधिकारी इसमें दोषी हैं उनकी भी जांच हो और उन पर कार्रवाई हो।
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