10 साल बाद धुला हत्या का दाग, सलाखों में कैद रह गया बेटी की विदाई का अरमान

ग्रेटर नोएडा। कोई निर्दोष व्यक्ति दस साल जेल में काट दें और बेटी का कन्यादान न करे। यह कहानी फिल्मी नहीं बल्कि असल दुनिया में सादुल्लापुर गांव के रहने वाले सतीश के साथ हुई है। वह हत्या के आरोप में जेल में बंद रहे और अब दस साल बाद हाई कोर्ट ने उनको बरी कर दिया है।
सतीश के भाई मनोज ने बताया कि बेटी का कन्यादान नहीं करने का जो दुख जीवन में मिला है उसकी कभी भरपाई नहीं हो सकेगी। सतीश के जेल में बंद रहने के दौरान उनकी बेटी ज्योति व बेटे कृष्ण की शादी हुई। ज्योति की शादी में बुजुर्गों ने कन्यादान किया।
दरअसल, ग्रेटर नोएडा के सादुल्लापुर गांव के रहने वाले सतीश नागर, श्रीपाल खचेड़ू व जगतपाल पर लगा हत्या का आरोप दस साल बाद धुल सका है। तीनों दस साल तक जेल में बंद रहे, इस अवधि में जमानत भी स्वीकार नहीं हुई। तीनों पर सुत्याना गांव के रहने वाले प्रापर्टी डीलर सुरेश की वर्ष 2012 में हुई हत्या का आरोप लगा था। तीनों को वर्ष 2018 में गौतमबुद्धनगर जिला न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। झूठे साक्ष्य व गवाही को चुनौती देते हुए सतीश पक्ष ने उच्च न्यायालय में अपील की।
अधिवक्ता जय प्रकाश सिंह ने बताया कि सतीश के मौसी के लड़के सुरेश की वर्ष 2012 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। नामजद रिपोर्ट सतीश, श्रीपाल व जगतपाल के खिलाफ दर्ज हुई। तीनों के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की और जेल भेज दिया। केस की जांच सीबीसीआइडी ने भी की।


Discover more from Noida Views

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Related posts

Leave a Comment