ग्रेटर नोएडा। कपिल चौधरी
पिछले कई दिनों से एक वीडियो बहुत वायरल हो रही है। जिसमें कहा जा रहा है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा खेड़ी के तालाब पर बिना कुछ कार्य किए हुए कार्य समाप्त होने का बोर्ड लगा दिया गया है। जिसके बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने संज्ञान लेते हुए तुरंत जांच कराई और ठेकेदार द्वारा गलत बोर्ड लगाने और काम में देरी के चलते उस पर 5:25 लाख का जुर्माना लगा दिया।
क्या है पूरा मामला
ग्रेटर नोएडा के खेड़ी गांव में प्राधिकरण के विकास कार्य चल रहे हैं। जिसके साथ प्राधिकरण को पांच गांवों के तालाबों की सफाई और सुंदरीकरण का कार्य करना था। जिसमें आमका, रूपवास, कैलाशपुर, खेड़ी और भनौता। जिसमें ठेकेदार द्वारा दो से तीन गांवों के तालाबों की सफाई और सौंदर्यीकरण का कार्य पूरा कर दिया गया था। जबकि खेड़ी गांव के एक तालाब का कार्य चल रहा था और दूसरे तालाब पर कोई भी कार्य अभी तक नहीं हुआ। लेकिन ठेकेदार द्वारा सभी तालाबों पर एक ही तरीके के बोर्ड लगा दिए गए। जिसके बाद खेड़ी गांव के लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई और लोगों ने वीडियो बनाकर के अपनी आपत्ति प्राधिकरण में दर्ज कराई ग्रामीणों का कहना था ठेकेदार और प्राधिकरण के अधिकारियों ने सांठगांठ करके तालाब के लिए जो फंड आया था उसे ये लोग आपस में मिल बाँट कर खा गए। जिसके बाद प्राधिकरण के अधिकारियों ने संज्ञान लेते हुए तुरंत गांव में पहुंचकर ग्रामीणों के साथ वार्ता की और जो भ्रम की स्थिति फैल गई थी उसको स्पष्ट करने की कोशिश की।
प्राधिकरण के अधिकारी और ग्रामीणों के साथ कई राउंड वार्ता हुई। प्राधिकरण के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि इसमें कोई घोटाला नहीं हुआ है। यह सिर्फ एक गलती है जो ठेकेदार के द्वारा की गई है और ठेकेदार ने समय पर कार्य पूरा नहीं किया जिसके फलस्वरूप ठेकेदार पर 5.25 लाख का जुर्माना लगाया गया। ठेकेदार के द्वारा भविष्य में ऐसी गलती करने पर ब्लैक लिस्ट करने की चेतावनी दी गई। प्राधिकरण के अधिकारी और ग्रामीणों की वार्ता में जिन जिन समस्याओं को ग्रामीणों द्वारा बताया गया है उन सभी को हल करने की सहमति प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा दी गई है और कहा ग्रामीणों की संतुष्टि के आधार पर विकास कार्य किये जाएंगे। कार्य को गुणवत्ता पूर्वक और दीर के समाप्त करने का आश्वासन अधिकारियों द्वारा दिया गया है।
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