युवाओं में स्ट्रोक के बढ़ते खतरे: जानें लक्षण, कारण और समय पर इलाज का महत्व

नोएडा। दिव्यांशु ठाकुर 

स्ट्रोक एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है, जो मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति बाधित होने या रक्तस्राव के कारण होती है। इसके कारण मस्तिष्क के कुछ हिस्सों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिससे ब्रेन सेल्स मरने लगती हैं। समय पर इलाज न मिलने पर यह जानलेवा हो सकता है। स्ट्रोक के मामले युवाओं में तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसका मुख्य कारण धूम्रपान, शराब, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि स्वस्थ जीवनशैली और सही आहार से स्ट्रोक के खतरे को कम किया जा सकता है। धूम्रपान और शराब से दूर रहना, नियमित व्यायाम और संतुलित आहार लेना स्ट्रोक से बचाव के लिए आवश्यक है। इसके साथ ही, स्ट्रोक के लक्षणों की पहचान करना और तुरंत चिकित्सा मदद प्राप्त करना बेहद जरूरी है, ताकि मस्तिष्क को होने वाले स्थायी नुकसान से बचा जा सके। स्ट्रोक के प्रमुख लक्षणों में अचानक तेज सिरदर्द, मतली, उल्टी, चेहरे या अंगों में कमजोरी या सुन्नता और संतुलन खोने की समस्या शामिल है। अगर किसी व्यक्ति को अचानक सिरदर्द हो, खासकर ऐसा दर्द जो पहले कभी महसूस न हुआ हो, तो तुरंत सावधान हो जाना चाहिए।

इसके अलावा, चेहरे, हाथ या पैर में अचानक कमजोरी या लकवा, चलने में कठिनाई और शरीर का संतुलन बिगड़ने जैसे लक्षण भी स्ट्रोक के संकेत हो सकते हैं। ऐसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें, क्योंकि समय रहते उपचार मिलने से जान बचाई जा सकती है। समय पर स्ट्रोक का निदान और उपचार जानलेवा परिणामों से बचा सकता है, इसलिए किसी भी असामान्य लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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