NGT: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने Greater Noida में 980 पेड़ों की अवैध कटाई को लेकर उत्तर प्रदेश प्रशासन पर सख्त टिप्पणी की है। ट्रिब्यूनल ने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई के बावजूद यूपी के अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इस मामले में प्रधान मुख्य वन संरक्षक को 13 मई को डिजिटल माध्यम से पेश होने का निर्देश दिया गया है।
NGT अध्यक्ष ने जताई नाराज़गी
एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इस मुद्दे पर नाराजगी जताई। सुनवाई के दौरान यह पाया गया कि Greater Noida में अवैध रूप से काटे गए पेड़ों की लकड़ियां केवल दो वाहनों में पकड़ी गईं, जबकि 900 से अधिक पेड़ों के ठिकाने का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। ट्रिब्यूनल ने प्रशासन से पूछा कि अब तक इस मामले में क्या कार्रवाई की गई और दोषियों की पहचान के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।
Greater Noida के अलावा नोएडा में भी काटे गए पेड़
इसी बीच, नोएडा के नंगला नगली गांव में भी 20-25 साल पुराने पेड़ों की अवैध कटाई का मामला सामने आया है। आरोप है कि एक शख्स अपने साथियों के साथ अलास्का फार्म हाउस में पेड़ काट रहा था। जब स्थानीय लोगों ने आपत्ति जताई तो विवाद हो गया, जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लकड़ियों से भरी गाड़ी जब्त कर ली। इस मामले में कोतवाली एक्सप्रेसवे थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। NGT ने स्पष्ट किया कि राज्य प्रशासन को पर्यावरण संरक्षण के प्रति अधिक सतर्क और जवाबदेह होना चाहिए।
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