जानिए, सीईओ एनजी रवि कुमार के नेतृत्व में कैसी है ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की आर्थिक स्थिति

ग्रेटर नोएडा। कपिल चौधरी
मार्च का माह चल रहा है आर्थिक लिहाज से साल का आखिरी महीना भी माना जाता है। इसी माह के आखिर में आर्थिक लेखा जोखा पेश किया जाता है और किसी भी संस्था कंपनी आदि की आर्थिक स्थिति को आंका जाता है। आज हम बात करेंगे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की आर्थिक स्थिति की, कैसी है प्राधिकरण की आर्थिक स्थिति   सीईओ एनजी रवि कुमार के नेतृत्व में, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की स्थापना को लगभग 3.5 दशक का समय बीत चुका है। जिसमें प्राधिकरण ने विकास के नए-नए आयाम को छुआ है।

जानते हैं, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 2 साल में अपनी आर्थिक स्थिति में कितना सुधार किया है।

1 अप्रैल 2023 को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर नोएडा प्राधिकरण का 2590 करोड रुपए बकाया था और जिसका पिछले 6-7 महीने से ब्याज भी नहीं जा रहा था।

आज ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने नोएडा प्राधिकरण को मूलधन में से 240.5 करोड रुपए लौटा दिया है। (ब्याज भी लगातार जमा किया जा रहा है)

1 अप्रैल 2023 को एनसीपीबी (NCPB) के ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर 13 लोन चल रहे थे जो की लगभग 482.5 करोड रुपए के थे।

आज तक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एनसीपीबी के 13 लोन में से 9 लोन पूरी तरह खत्म कर दिए हैं। जिसमें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एनसीपीबी को 155.16 करोड रुपए चुका दिए हैं। बाकी चार लोन की समय से किस्त जा रही है।

1 अप्रैल 2023 को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर प्राइवेट बैंकों का 1032.89 करोड़ कर्ज था।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण प्राइवेट बैंकों का पूरा लोन ब्याज समेत चुका दिया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर प्राइवेट बैंकों का अब कोई लोन नहीं है।

फिक्स डिपाजिट

1 जुलाई 2023 तक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पास 357.75 करोड रुपए को फिक्स्ड डिपॉजिट था।

लेकिन आज ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पास 6154.25 करोड रुपए का फिक्स डिपाजिट है।जिससे सालाना ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को लगभग 500 करोड रुपए की आमदनी होगी।

फिक्स डिपाजिट से ब्याज के रूप में आने वाली आमदनी को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण स्वास्थ्य, उद्यान, ग्रामीण विकास, गौशाला और प्राधिकरण के कर्मचारियों की सैलरी पर खर्च करेगा और साथ ही प्राधिकरण को जो पैसा ब्याज के रूप में देना होता है वह भी यहीं से दिया जाएगा।

पिछले लगभग दो सालों में प्राधिकरण ने बिल्डर, कमर्शियल, इंस्टीट्यूशन आदि प्लॉट का आवंटन बड़ी संख्या में किया है जिससे प्राधिकरण को आमदनी हुई है इस बार प्राधिकरण का सालाना बजट भी लगभग 5000 करोड़ का होगा।

इन आंकड़ों से आप अंदाजा लगा सकते हैं की ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने पिछले लगभग 2 वर्षों में आर्थिक तौर पर कितनी तरक्की की है सीईओ एनजी रवि कुमार और उनके वित्त विभाग की टीम ने आर्थिक स्थिति सुधार में बेहतर कार्य किया है। लेकिन नए विकास कार्यों पर अभी भी कम खर्च किया जा रहा है। विकास कार्य और जन सुविधाओं पर प्राधिकरण को खर्च बढ़ाना चाहिए। जिससे कि शहर के नागरिकों को बेहतर सुविधाएं मिल सके और शहर अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों को पूरा कर सके।


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