Sports City: ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों के भ्रष्टाचार का एक और मामला सामने आया है, जिसने आम जनता को परेशान कर रखा है। Greater Noida Authority द्वारा सेक्टर 27 में स्पोर्ट्स सिटी 2 के तहत आवंटित एक प्लॉट को कैंसिल करने के बावजूद, बिल्डर नियमों को ठेंगा दिखाते हुए उस पर कमर्शियल कॉम्प्लेक्स का निर्माण कर रहा है और दुकानें बेच रहा है। यह मामला प्राधिकरण की कार्यप्रणाली और संरक्षण पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
Sports City मामला: कैंसिल प्लॉट पर अवैध निर्माण
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 21 जुलाई 2014 को बिल्डर को स्पोर्ट्स सिटी 2, सेक्टर 27 में प्लॉट न – SC-02A, एरिया 1,01,175.18 वर्ग मीटर का प्लॉट आवंटित किया था। लेकिन, Greater Noida Authority ने 20 जुलाई 2022 को इस प्लॉट का आवंटन कैंसिल कर दिया। प्राधिकरण के नियमों के अनुसार, कैंसिल किए गए प्लॉट पर बिल्डर न तो कोई निर्माण कर सकता है और न ही उसका कोई हिस्सा बेच सकता है।

हैरानी की बात यह है कि नियमों की अनदेखी करते बिल्डर इस कैंसिल प्लॉट पर न केवल कमर्शियल कॉम्प्लेक्स का निर्माण कर रहा है, बल्कि आम लोगों को दुकानें बेचकर उनकी गाढ़ी कमाई को जोखिम में डाल रहा है। यह खुला उल्लंघन प्राधिकरण की नाक के नीचे हो रहा है, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या बिल्डर को Greater Noida Authority का संरक्षण प्राप्त है?
जनता परेशान, प्राधिकरण की चुप्पी
बता दे कि Sports City में इस निर्माण और बिक्री से उन लोगों को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है, जो अपनी मेहनत की कमाई से दुकानें खरीद रहे हैं। बिना वैध अनुमति के बेची गई दुकानों का भविष्य अनिश्चित है, और खरीदारों को भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, इस तरह की गतिविधियां रियल एस्टेट क्षेत्र में विश्वास को और कमजोर कर रही हैं।
Greater Noida Authority की तरफ से कार्रवाही
प्राधिकरण की ओर से इस मामले में कमर्शियल विभाग की तरफ से प्रोजेक्ट विभाग को लेटर लिखकर की भूखंड का कब्ज़ा प्राधिकरण के पक्ष में वापिस करते हुए मौके पर प्राधिकरण का बोर्ड लगा के कमर्शियल विभाग को अवगत कराये साथ ही मौके पर हो रहे निर्माण को बंद कराने की कार्रवाही करने के लिए कहा गया है।
स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट का विवादास्पद इतिहास
बता दे कि Sports City प्रोजेक्ट पहले भी भ्रष्टाचार के आरोपों के घेरे में रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत कई बिल्डरों को कम कीमत पर जमीन आवंटित की गई थी, लेकिन तय शर्तों के अनुसार खेल सुविधाओं का विकास नहीं किया गया। इसके बजाय, बिल्डरों ने आवासीय और व्यावसायिक परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया, जिसके चलते हजारों फ्लैट खरीदार रजिस्ट्री और मालिकाना हक के लिए वर्षों से परेशान हैं। स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट में चल रही अनियमितताओं की एक और कड़ी है। कैंसिल प्लॉट पर निर्माण और बिक्री न केवल Greater Noida Authority के नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यह जनता के साथ धोखा भी है।
ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों के भ्रष्टाचार और प्राधिकरण की निष्क्रियता का यह मामला न केवल स्थानीय निवासियों के लिए चिंता का विषय है, बल्कि यह पूरे रियल एस्टेट क्षेत्र की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाता है। जब तक प्राधिकरण सख्ती से कार्रवाई नहीं करता और पारदर्शी व्यवस्था लागू नहीं करता, तब तक जनता का लुटना और परेशान होना जारी रहेगा। Sports City मामले में तत्काल जांच और कार्रवाई की जरूरत है, ताकि बिल्डरों की मनमानी पर लगाम लगे और खरीदारों को उनका हक मिल सके।
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