नोएडा। दिव्यांशु ठाकुर
पिछले एक दशक में विभिन्न संक्रामक बीमारियों ने वैश्विक स्वास्थ्य को गंभीर चुनौतियों के सामने खड़ा किया है। 2019 के अंत में उभरी कोरोना महामारी को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था। अब, जबकि कोरोना वायरस काफी हद तक नियंत्रित हो गया है, एक और बीमारी, मंकीपॉक्स (एमपॉक्स), विशेषज्ञों की चिंता का कारण बन रही है।
अफ्रीकी महाद्वीप में एमपॉक्स तेजी से फैल रहा है, और इस साल 14,000 से अधिक मामले और 524 मौतें दर्ज की गई हैं। WHO ने 14 अगस्त को इसे फिर से ‘वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल’ घोषित किया। एमपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह बीमारी अन्य महाद्वीपों में भी फैल सकती है, इसलिए इसे गंभीरता से लेना आवश्यक है।
मंकीपॉक्स, एक संक्रामक रोग है जो त्वचा पर बड़े-बड़े छाले, लिम्फ नोड्स में सूजन और बुखार का कारण बनता है। इसके जोखिम को देखते हुए WHO ने टीकाकरण और सावधानियों पर जोर दिया है। एंटीवायरल दवा टेकोविरिमैट और चेचक का टीका जेएनएनईओएस भी इसके उपचार के लिए इस्तेमाल हो रहा है। संक्रमण से बचाव के लिए लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
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