Delhi Vidhan Sabha: दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप और तीखी बहसों से गर्माया हुआ है। गुरुवार को सदन में मीट की दुकानों का मुद्दा छाया रहा, जहां भाजपा विधायकों ने अवैध अतिक्रमण और धार्मिक स्थलों के पास चल रही मीट की दुकानों को लेकर सरकार को घेरा। भाजपा विधायक रवींद्र नेगी ने सदन में सवाल उठाते हुए कहा कि राजधानी में कई अवैध मीट की दुकानें पीडब्ल्यूडी की सड़कों पर संचालित हो रही हैं, जिससे आम जनता को असुविधा हो रही है। इस पर कैबिनेट मंत्री प्रवेश वर्मा ने जवाब दिया कि सरकार इस मामले में सख्त कार्रवाई करेगी और विधायकों से अपने क्षेत्रों की अवैध दुकानों की सूची मांगी गई है।
Delhi Vidhan Sabha: मंदिर के पास मीट के दुकानों को बंद करने की उठी मांग
मंदिरों के पास मीट की दुकानों का मुद्दा भी गरमा गया, जब भाजपा विधायक करनैल सिंह ने धार्मिक स्थलों के आसपास ऐसी दुकानों के संचालन को बंद करने की मांग की। मंत्री प्रवेश वर्मा ने सदन में स्पष्ट किया कि इस संबंध में पहले ही अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं और अवैध रूप से मांस-मछली बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सत्ता पक्ष के नेताओं ने विपक्ष पर भी तीखे हमले किए, जहां कपिल मिश्रा ने आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया कि उनकी सरकार में विधानसभा सत्र तक नहीं बुलाए जाते थे, जबकि भाजपा सरकार पारदर्शिता के साथ चर्चा कर रही है।
विपक्ष ने भी उठाए सवाल
मीट दुकानों का यह विवाद केवल स्थानीय प्रशासनिक समस्या तक सीमित नहीं है, बल्कि राजनीतिक रणनीति का अहम हिस्सा बनता जा रहा है। भाजपा इसे कानून-व्यवस्था और स्वच्छता से जोड़कर देख रही है, जबकि विपक्ष इसे धार्मिक ध्रुवीकरण का प्रयास बता रहा है। Delhi Vidhan Sabha में तीखी बहसों के बीच यह साफ हो गया है कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले यह मुद्दा और अधिक तूल पकड़ेगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार केवल सदन में बहस तक सीमित रहती है या वास्तव में अवैध दुकानों पर ठोस कार्रवाई करती है।
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