आपके बच्चे का भी भविष्य खतरे में तो नहीं, भूल कर भी न करें ये काम !

विकास | ग्रेटर नोएडा

हर बात में जबरजस्ती करना
जब माता-पिता बच्चे से परफेक्ट होने की उम्मीद रखते हैं, तभी सारी समस्याएं शुरू होती है। यह सच है कि माता-पिता की बच्चों से बहुत उम्मीदें होती हैं। लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि माता-पिता उन पर अपनी इच्छाएं लाद दें। माता-पिता को यह समझना बेहद आवश्यक है कि हर बच्चा अलग होता है और इसलिए उसे उसके तरीके से जीने का मौका दें। जरूरी नहीं है कि आप हर गलती पर बच्चे को डांटें। कुछ चीजों को नजरअंदाज भी करें या फिर गलती करने पर उन्हें प्यार से समझाएं।
आपस में झगड़ा करना
पति-पत्नी के बीच लड़ाई होना आम बात है। लेकिन अगर आप माता-पिता बन चुके है तो उसे कभी भी बच्चे के सामने उजागर न करें। जो माता-पिता छोटी-छोटी बातों पर बच्चे के सामने लड़ते हैं, उससे बच्चे के मन में बेहद नकारात्मक भाव उत्पन्न होते हैं। उसे लगता है कि वह एक अच्छे परिवार का हिस्सा नहीं है। जिससे उसके मन में कुंठा उत्पन्न होती है और फिर ऐसे बच्चे अत्यधिक उग्र व जिद्दी बन जाते हैं। कई बार तो बच्चे समझते हैं कि अपनी बात मनवाने के लिए गुस्सा करना या चिल्लाना सबसे अच्छा रास्ता है और फिर वह ऐसा ही करने लगते हैं।

काम में व्यस्तता
आज के समय में हर व्यक्ति अपने काम में व्यस्त रहता है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि बच्चों व परिवार को समय ही न दिया जाए। जिन माता-पिता के पास बच्चों के लिए समय नहीं होता, वह अपेक्षाकृत अधिक जिद्दी होते हैं क्योंकि वह जिद को एक हथियार की तरह इस्तेमाल करते हैं। वह जिद करके या गुस्सा करके माता-पिता का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास करते हैं।

मानसिक दबाव
बचपन को खुलकर न जीने देना भी एक बहुत बड़ी गलती है। प्रतियोगिता के इस युग में माता-पिता अपने बच्चे को हर क्षेत्र में अव्वल आते हुए देखना चाहते हैं। इसके कारण बच्चों पर बहुत अधिक मानसिक दबाव पड़ता है। इस दबाव को वह गुस्से के रूप में व्यक्त करते हैं या फिर कई बार वह अपने माता-पिता की इस इच्छा को बोझ समझकर गलत कदम उठा लेते हैं |
भरोसे का अभाव
जहां पर माता-पिता और बच्चों के बीच विश्वास का पुल नहीं होता, वहां पर बच्चों के स्वभाव में बहुत अधिक नेगेटिविटी देखी जाती है। दरअसल, जब बच्चों को लगने लगता है कि अच्छा काम करने के बाद भी उन्हें सरहाना नहीं मिलती और माता – पिता हमेशा गुस्सा ही करते हैं तो वह अपनी बातों को मन में ही दबा लेते हैं और फिर उनके व्यवहार में गुस्सा व उनका जिद्दी होना बेहद सामान्य है।


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