चेतना, एचसीएल फाउंडेशन और पुलिस के सहयोग से, इन स्ट्रीट बच्चों को शिक्षित करने के लिए नन्हे परिंदे कार्यक्रम चलाया
नोएडा। कपिल चौधरी नोएडा में आसपास की सड़कों पर रहने वाले और काम करने वाले बच्चों ने आगे बढ़कर दिल्ली-एनसीआर…
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नोएडा। कपिल चौधरी नोएडा में आसपास की सड़कों पर रहने वाले और काम करने वाले बच्चों ने आगे बढ़कर दिल्ली-एनसीआर…
ग्रेटर नोएडा। शहर की एक निर्माणधीन हाउसिंग सोसाइटी में बड़ा हादसा हुआ है। सूत्रों से जानकारी के अनुसार आम्रपाली ड्रीम…
ग्रेटर नोएडा। कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की थी कि राज्य का हर जिला…
ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश में अब कोई भी सरकारी फाइल एक टेबल पर 3 दिन से ज्यादा नहीं रुकेगी। अधिकारी…
ग्रेटर नोएडा। कपिल चौधरी यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की आवासीय भूखंड योजना RPS07/2023 जो कि 8 अगस्त 2023…
ग्रेटर नोएडा। कपिल चौधरी महागुन माइवुड्स निवासियों ने ग्रेनो प्राधिकरण के सीईओ एवं ओएसडी से बिल्डर द्वारा एओए गठन पर…
ग्रेटर नोएडा। G-20 सम्मलेन को लेकर राजधानी दिल्ली में तैयारियां जोरों से चल रही है। G-20 सम्मेलन के लिए 8…
ग्रेटर नोएडा। दिन निकलते ही ग्रेटर नोएडा पुलिस और शातिर अपराधियों के बीच मुठभेड़ हुई है। मुठभेड़ के दौरान पुलिस…
ग्रेटर नोएडा। कपिल चौधरी स्वदेशी जागरण मंच नोएडा इकाई द्वारा आयोजित हुए हरियाली तीज के कार्यक्रम का आयोजन नोएडा सेक्टर…
जिला राइफल क्लब की ओर से भी 2,22,800 आश्रम को दिया गया उत्तर प्रदेश। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आश्रम घर…
नॉएडा व्यूज के बारे में : पत्रकारिता में दिनोंदिन कई गलत प्रचलन सामने आ रहे हैं, जैसे खबरों को गैर-जरूरी तरीके से संपादित करना, पेड न्यूज, निजी संबंधों के लाभ के लिए कुछ खबरों को चलाना आदि. मीडिया संस्थान अब खबर तक पहुंचना नहीं चाहते, उन्होंने पत्रकारिता की आड़ में व्यापारिक समझौते करने शुरू कर दिए हैं, कुछ जरुरी सूचनाएं और खबरें जनता तक पहुंचती ही नहीं हैं क्योंकि मीडिया संस्थान उन्हें किसी व्यक्ति या संस्था विशेष को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से सामने लाना ही नहीं चाहते. धीरे-धीरे ही सही पर जनता भी इस बात को समझने लगी है कि पत्रकारिता खतरे में पड़ रही है. आमजन का मीडिया पर विश्वास कम हो रहा है. वही मीडिया जो लोकतंत्र का ‘चौथा स्तंभ’ होने का दम भरता था, अपनी विश्वसनीयता खोता जा रहा है. इस उद्देश्य की तरफ ये हमारा छोटा ही सही पर महत्वपूर्ण कदम है. पत्रकारिता के इस स्वरूप को लेकर हमारी सोच के रास्ते में सिर्फ जरूरी संसाधनों की अनुपलब्धता ही बाधा है. हमारी पाठकों से बस इतनी गुजारिश है कि हमें पढ़ें, शेयर करें, इसके अलावा इसे और बेहतर करने में अपने सुझाव दें.
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