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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के साथ शनिवार को हिंदी दिवस के मौके पर शुभकामना संदेश दिया। हिंदी दिवस 2019 के मौके पर जहां गृहमंत्री अमित शाह की ओर से हिंदी भाषा की वकालत थी वही दूसरी और दक्षिण भारत के कई नेताओं ने आपत्ति जाहिर की और वहीं देश के दक्षिणी हिस्से में हिंदी के लिए बगावत के सुर सुनाई दिए गए।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंदी दिवस के मौके पर शुभकामनाएं देते हुए ट्वीट किया कि ‘हिंदी दिवस पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं और हमें सभी भाषाओं और संस्कृतियों का समान रूप से सम्मान करना चाहिए।भले ही हम कई भाषाएँ सीख सकते हैं लेकिन हमें अपनी मातृ-भाषा को कभी नहीं भूलना चाहिए।’ गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि हिंदी देश की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है और हिंदी पूरे देश को एकसूत्र में बांधती है।
द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कहा, ‘हिंदी को लागू करने के खिलाफ मैं लगातार विरोध करता आ रहा हूं और अमित शाह के आज के इस बयान ने हमें झटका दिया है इसलिए कल के बाद हम एक्जीक्यूटीव पार्टी बैठक करने जा रहे हैं क्यूंकि यह हमारे देश की एकता को प्रभावित करेगा। हमारी मांग है कि वो अपना बयान वापस लें। वहीं दूसरी और कर्नाटक के रानाधीरा पाडे और अन्य कन्नड़ विरोधी संगठन बेंगलुरु में हिंदी दिवस के खिलाफ विरोध कर है ।
इन सब के बाद कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारासामी ने कहा, ‘आज पूरे देश में सरकार हिंदी दिवस मना रही है।और उनका कहना यह भी था कि हिंदी के साथ कन्नड़ को भी संवैधानिक तरीके से आधिकारिक भाषा के तौर पर पहचान दी गई है।’ इसलिए उन्होंने प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए बोला है कि याद रखें कि कन्नड़ नागरिक भी देश का हिस्सा हैं और ये सवाल भी किया कि हम कन्नड़ दिवस मनाने कहां जाये ?