भारत : देश में लंबे समय से कोरोना वायरस की जांच के लिये रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट की डिमांड की जा रही थी. अब केंद्र सरकार ने राज्यों को किट्स भेजना शुरू किया है तो इस पर सवाल भी उठने लगे हैं. पश्चिम बंगाल ने किट्स को डिफेक्टिव बताया है तो अब राजस्थान सरकार ने कहा है कि इस टेस्ट के नतीजे सटीक नहीं आ रहे हैं. ये कहते हुये राजस्थान ने टेस्टिंग पर रोक लगा दी है. इस तरह रैपिड टेस्ट किट की विश्वसनीयता को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. ICMR ने भी इन शिकायतों पर संज्ञान लिया है और दो दिन तक रैपिड टेस्टिंग पर रोक लगा दी है.
राजस्थान सरकार का कहना है कि सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती कोरोना के 100 मरीजों पर इस किट के जरिये टेस्ट किये गये जिसमें से पांच का रिजल्ट ही पॉजिटिव आया. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि हमारी तरफ से कोई प्रक्रियागत चूक नहीं की गई है और किट्स को सही टेंपरेचर में रखा गया है, इसके बावजूद गलत रिजल्ट आ रहे हैं. पश्चिम बंगाल सरकार ने दावा किया है कि ICMR ने बड़ी संख्या में डिफेक्टिव किट्स भेजी हैं. बंगाल के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने 19 अप्रैल को आरोप लगाया कि खराब किट्स से कोरोना के टेस्ट कराये जा रहे हैं.
जिसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में ICMR के डॉ. रमन गंगाखेडकर ने बताया कि वो इन शिकायतों को नजरअंदाज नहीं कर रहे हैं. इसके लिये टीमें भेजी जायेंगी जो किट्स को चेक करेंगी, लिहाजा दो दिन तक रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट पर रोक लगाने का फैसला लिया गया है.
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