मरीजों का कहना है कि वे करीब 35 दिन से भर्ती हैं और रिपोर्ट भी निगेटिव है, लेकिन उन्हें घर नहीं भेजा जा रहा है। दिल्ली के योगेश शर्मा, दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर जयनारायण और विजय का कहना है कि उनका कई बार सैंपल लिया जा चुका है। हर बार कोई न कोई बहाना बताकर सैंपल ले जाते हैं, लेकिन रिपोर्ट नहीं बताते। विजय के अनुसार उनका सात बार सैंपल लिया जा चुका है।
हालांकि, इस मामले को लेकर अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि कोविड मरीजों को लेकर दिशा-निर्देशों के अनुसार ही उपचार किया जा रहा है। अगर कोई मरीज स्वस्थ है तो उसे अस्पताल में बेवजह नहीं रोका जा सकता।
इन मरीजों के मामले में प्रबंधन ने जानकारी न होने और इस पर संज्ञान लेने की बात कही है। हालांकि, अस्पताल के सूत्रों का कहना है कि बिस्तर भरे दिखाने के लिए ऐसा किया जा रहा है, ताकि बाहर से कम मरीज आ सकें।
अगर कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज गंभीर नहीं है तो अस्पताल से छुट्टी मिलते वक्त उसकी दोबारा जांच की जरूरत नहीं है। केवल उन्हीं मरीजों की दोबारा जांच कराई जा सकती है, जो गंभीर अवस्था में भर्ती हुए हैं और उनकी चिकित्सीय निगरानी के लिए संक्रमण की स्थिति का पता लगाना अनिवार्य हो।
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