दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में चीन के आक्रामक रवैये के लिए जवाबी रणनीति तैयार करने के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर आज भारत आने वाले हैं. क्वाड के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री के भारत दौरे को काफी अहम माना जा रहा है और नई दिल्ली में विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ होने वाली यह बैठक कई मायनों में ऐतिहासिक होगी. चीन के खिलाफ जवाबी रणनीति के अलावा इस दोनों देशों में महत्वपूर्ण सैन्य समझौते भी होंगे और बेसिक एक्सचेंज ऐंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट फॉर जियोस्पेशियल कोऑपरेशन पर भी सहमति बन जाने की पूरी संभावना है.
इस बैठक का फॉर्मेट जापान से निकला है जिसका मकसद दो देशों के बीच रक्षा सहयोग के लिए उच्च स्तरीय राजनयिक और राजनीतिक बातचीत को सुविधाजनक बनाना है. इसे ‘टू प्लस टू’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह दो देशों के रक्षा और विदेश मंत्रियों के बीच होने वाली संयुक्त बैठक है.
2+2 मीटिंग से पहले पिछले दिनों जापान में क्वॉड वार्ता आयोजित हुई थी. क्वॉड चार देशों- अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और भारत के समूह को कहा जाता है और इस मीटिंग में भी चीन की आक्रामकता को जवाब देने पर चर्चा की गयी थी. अब भारत- अमेरिका के बीच होने जा रही 2+2 बैठक को लेकर भी चीन चिंता में है.
इस बैठक में कोविड-19 को लेकर भी अहम चर्चा होने वाली है. अमेरिका पहले ही भारत की कोरोना वैक्सीन की मैन्युफैक्चरिंग और वितरण में सहायता कर रहा है. कई कोरोना वैक्सीन का ट्रायल भारत में भी हो रहा है और तीसरे फेज में है. वैक्सीन के आलावा बैठक में दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक समझौता होने जा रहा है. 2+2 मीटिंग में बेसिक एक्सचेंज ऐंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट फॉर जियोस्पेशियल कोऑपरेशन पर हस्ताक्षर होंगे. अमेरिका के साथ BECA से भारत को बेहद सटीक जियोस्पेशियल डेटा मिलेगा जिसका सेना में बेहतरीन इस्तेमाल किया जा सकता है.
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