पंजाब(महेश कुमार) : कांग्रेस शासित पंजाब के हजारों किसान हरियाणा बॉर्डर पर जमा हैं. वे सभी गुरुवार दिल्ली मार्च करने की तैयारी में हैं और बीजेपी शासित राज्य हरियाणा की पुलिस द्वारा रोकने के लिए किसी भी कार्रवाई का डटकर मुकाबला करने को तैयार हैं. दिल्ली में गुरुवार और शुक्रवार पंजाब के अलावा राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और केरल के किसान भी प्रदर्शन और विरोध मार्च करने वाले हैं. इस बीच दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से किसी भी संगठन को दिल्ली में मार्च करने, विरोध-प्रदर्शन या रैली करने की अनुमति देने से इनकार किया है. गुरुग्राम और फरीदाबाद बॉर्डर पर सुरक्षा के भारी इंतजाम किए गए हैं।
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद हरियाणा ने आज और कल के लिए पंजाब बॉर्डर सील कर दिया है. किसानों के विरोध मार्च को विफल करने के लिए पंजाब से सटी सड़कों पर बैरिकेड्स, वाटर कैनन और दंगा वाहनों के साथ पूरी तरह से सुरक्षा व्यवस्था की गई है.भारतीय किसान यूनियन (एकता-उग्रहन) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकालान ने कहा, “हम लंबी लड़ाई के लिए तैयार हैं. किसानों का कहना है कि जब तक हमारी समस्याओं का निपटारा नहीं हो जाता, तब तक हम वापस नहीं लौटेंगे।
केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों का विरोध कर रहे और उसे निरस्त करने की मांग कर रहे किसानों को दूसरे दौर की वार्ता के लिए 3 दिसंबर को फिर से वार्त्ता के लिए बुलाया है. पिछले महीने किसानों के साथ पहली बैठक में कृषि मंत्री और राज्यमंत्री के अनुपस्थित रहने पर किसानों ने मीटिंग का बहिष्कार किया था. इस आंदोलन को किसानों के 500 संगठनों का समर्थन प्राप्त है।
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